बांदा सागर में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर 6.5 रही तीव्रता
बांदा सागर क्षेत्र को भूवैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत जटिल माना जाता है। यह स्थान ऑस्ट्रेलियाई और सुंडा प्लेटों के अभिसरण क्षेत्र में आता है।;
बांदा सागर क्षेत्र में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, यह भूकंप 28 अक्टूबर 2025 को रात 8:10 बजे (आईएसटी) दर्ज किया गया, जिसकी तीव्रता 6.5 मापी गई।
एनसीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसका केंद्र 148 किलोमीटर गहराई में स्थित था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर जारी बयान में एनसीएस ने भूकंप के सटीक विवरण साझा किए —
ईक्यू एम 6.5 | तिथि: 28/10/2025 | समय: 20:10:18 IST | अक्षांश: 6.73° दक्षिण | देशांतर: 130.01° पूर्व | गहराई: 148 किमी | स्थान: बांदा सागर।
भूगर्भीय रूप से अत्यंत जटिल क्षेत्र
बांदा सागर क्षेत्र को भूवैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत जटिल माना जाता है। यह स्थान ऑस्ट्रेलियाई और सुंडा प्लेटों के अभिसरण क्षेत्र में आता है।
इन प्लेटों की परस्पर टक्कर के कारण धरती की बाहरी परत यानी भूपर्पटी (Crust) कई छोटी प्लेटों में विभाजित हो चुकी है, जिनमें बांदा सागर, तिमोर, मोलुक्का सागर और बर्ड्स हेड प्लेटें प्रमुख हैं।
मेहराब के आकार वाली यह अभिसारी सीमा (Convergent Boundary) दुनिया की सबसे जटिल प्लेट सीमाओं में गिनी जाती है।
यहां महासागरीय स्थलमंडल (Oceanic Lithosphere) लगभग 600 किलोमीटर गहराई तक अवतलित (Subducted) हो जाता है, जिसके कारण यह क्षेत्र भूकंपीय रूप से अत्यधिक सक्रिय (Seismically Active) बना रहता है।
भूकंपों का पुराना इतिहास
बांदा सागर में अक्सर गहरे केंद्र वाले (DeepFocus) भूकंप आते रहते हैं, जिनकी गहराई 600 किलोमीटर तक दर्ज की गई है।
इस क्षेत्र में पहले भी Mw 7.6 तीव्रता का भूकंप 397 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया था।
ये भूकंप आमतौर पर महासागरीय स्थलमंडल के अंदर डिपस्लिप फॉल्टिंग के कारण आते हैं, और इनका असर सतह पर बहुत कम दिखाई देता है।
हालांकि, ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो 1938 में बांदा सागर में आए Mw 8.58.6 तीव्रता के भूकंप को एक मध्यवर्तीकेंद्रीय (IntermediateFocus) भूकंप के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
ऑस्ट्रेलियाप्रशांत प्लेट सीमा का महत्व
ऑस्ट्रेलियाप्रशांत प्लेट सीमा का विस्तार 4000 किलोमीटर से अधिक लंबाई में फैला हुआ है।
इसका पश्चिमी छोर जावा के सुंडा गर्त से शुरू होकर पूर्व में सोलोमन द्वीप समूह तक जाता है।
पूर्वी भाग की लंबाई लगभग 2300 किलोमीटर है, जो ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप और कोरल सागर के उत्तरपूर्व से पापुआ न्यू गिनी के पूर्वी तट तक फैली हुई है।
यहां ऑस्ट्रेलियाई प्लेट का उत्तरमुखी अधोमुखीकरण (Subduction) प्रमुख रूप से देखा जाता है, जो इस क्षेत्र को लगातार भूकंपीय घटनाओं के प्रति संवेदनशील बनाता है।
भूकंप के संभावित प्रभाव
भूकंप की गहराई अधिक होने के कारण इसका सतही प्रभाव सीमित रहा, लेकिन वैज्ञानिकों ने भविष्य में और झटकों की संभावना से इनकार नहीं किया है।
स्थानीय निगरानी एजेंसियों ने समुद्री लहरों और सूनामी जैसी द्वितीयक घटनाओं पर भी नजर बनाए रखी है।
अब तक किसी प्रकार की जनहानि या संरचनात्मक नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।