समय रैना समेत पांच यूट्यूबर पर सुप्रीम कोर्ट सख्त! कहा-बिना शर्त मांगे माफी, जानें किस मामले में की यह टिप्पणी

Update: 2025-08-25 07:27 GMT

नई दिल्ली। देश के फेमस यूट्यूबर को सुप्रीम कोर्ट से एक मामले में झटका लगा है। वहीं यूट्यूबर पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर कमाई करने वाले इन्फ्लुएंसर्स का कंटेंट फ्री स्पीच की कैटेगरी में नहीं आता। इसे कॉमर्शियल स्पीच माना जाएगा। वहीं समय रैना के शो में रणवीर इलाहाबादिया की टिप्पणी के बाद विवाद शुरू हुआ था। साथ ही कोर्ट ने स्टैंड-अप कॉमेडियन्स को बिना शर्त माफी मांगने को कहा है।

भविष्य में इस तरह के मजाक से बचें

दरअसल, सुनवाई के दौरान केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने बताया कि वह इस तरह के कार्यक्रमों को लेकर दिशानिर्देश बनाने वाला है। उनमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि बिना किसी व्यक्ति या समूह के सम्मान को चोट पहुंचाए कॉमेडी हो। दिव्यांगों और गंभीर शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों का मजाक उड़ाने वाले वीडियो के मामले में कॉमेडियन समय रैना समेत पांच लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि भविष्य में इस तरह के मजाक से बचें और अपने कार्यक्रमों के जरिए दूसरों को भी जागरुक करें कि वे ऐसा न करें। कोर्ट ने पांचों को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक जो लोग पेश हुए थे। इसमें समय रैना, विपुन गोयल, बलराज घई, सोनाली ठक्कर और निशांत तंवर शामिल हैं।

शो में अपमाजनक टिप्पणी करने के लगे थे आरोप

बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह संस्था स्पाइमल मस्कुलर एट्रोफी के मरीजों और उके परिवारों के लिए काम करती है। याचिका में दिव्यांगों को लेकर मजाक बनाने या उन पर जोक मारने को लेकर आपत्ति जताई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को इंडिया गॉट लेटेंट शो विवाद के साथ जोड़ दिया, जिसमें यूट्यूबर रणवीर इलाहबादिया पर भी शो में अपमाजनक टिप्पणी करने के आरोप लगे थे। केंद्र की ओर से अटॉर्मी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि सरकार कॉमेडियन और इंफ्लूएंसर के लिए गाइडलाइंस तैयार करेगी, जिसमें एक सीमा के अंदर ही उन्हें कॉमेडी करनी होगी।

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