रुपये में आई गिरावट से पड़ी महंगाई की मार! ये चीजें हुई महंगी, जानें इसके क्या है नुकसान?
नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से महंगाई बढ़ जाती है, जिससे खाना पकाने और गाड़ी चलाने जैसी रोजमर्रा की जरूरतें महंगी हो जाती हैं और लोगों की बचत कम होती है, जिससे जीवनशैली पर असर पड़ता है। इस गिरावट से आयातित वस्तुएं महंगी हो जाती हैं, जिससे कच्चे तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य आवश्यक सामानों की लागत बढ़ जाती है, जिसका सीधा असर उपभोक्ता कीमतों पर पड़ता है।
रुपये की गिरावट के नुकसान
बुनियादी ज़रूरतें महंगी: खाने-पीने की चीजें और गाड़ी चलाने के लिए ईंधन महंगा हो जाता है, जो आम आदमी के बजट पर भारी पड़ता है।
आयातित वस्तुएं महंगी: रुपया कमजोर होने पर भारत को आयातित सामान (जैसे कच्चा तेल, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स) खरीदना महंगा पड़ता है, जिससे उनकी कीमतें बढ़ जाती हैं।
बचत पर असर: बढ़ती महंगाई के कारण लोगों की खर्च क्षमता कम हो जाती है, जिससे बचत करना मुश्किल हो जाता है और जीवनशैली में गिरावट आती है।
व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव: आयात-निर्यात करने वाले व्यवसायों को लागत बढ़ने और प्रतिस्पर्धा में कमी का सामना करना पड़ता है।
आर्थिक अस्थिरता: रुपये में लगातार गिरावट से अर्थव्यवस्था में अस्थिरता और अनिश्चितता बढ़ती है, जो निवेशकों और व्यवसायों के लिए चिंता का विषय है।