कानपुर से ट्रेंड हुआ 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद पहुंचा देश के कई हिस्सों तक, जानें क्यों शुरू हुआ यह ट्रेंड

एफआईआर दर्ज होने के बाद मुस्लिम पक्ष का गुस्सा भड़का। उनके अनुसार 'आई लव मोहम्मद' पैगंबर मुहम्मद के प्रति प्यार जताने का एक तरीका है और इस पर एफआईआर दर्ज करना उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना है।;

Update: 2025-09-23 11:27 GMT

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर से ट्रेंड हुआ 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद अब देशभर के कई हिस्सों में पहुंच गया है। बता दें कि पोस्टर लगाने को लेकर दर्ज हुई FIR ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया है। मुस्लिम समुदाय के लोग जगह-जगह जुलूस निकाल रहे हैं और मस्जिदों पर ये पोस्टर चिपका रहे हैं। कई जगहों पर पुलिस पर पथराव और हिंसा की घटनाएं भी सामने आई हैं।

इन राज्यों तक पहुंचा विवाद

बता दें कि यह पूरा मामला कानपुर से निकलकर देश के कई हिस्सों में पहुंच गया। जिनमें महाराष्ट्र का नागपुर, बरेली, उत्तराखंड, हैदराबाद, मुंबई, लखनऊ जैसे बड़े शहरों में लोग मस्जिदों पर 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर लगा रहे थे और नारे लगा रहे थे।

कहां से शुरू हुआ ये विवाद?

सब कुछ 4 सितंबर को कानपुर के रावतपुर इलाके में बरावफात यानी कि ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस से शुरू हुआ। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सैयद नगर क्षेत्र में एक पब्लिक रोड पर 'आई लव मोहम्मद' लिखे बोर्ड लगाए। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसे 'नई परंपरा' बताते हुए विरोध किया और कहा कि यह जानबूझकर उकसावे की कोशिश है। दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बोर्ड हटा दिया। लेकिन 9 सितंबर को रावतपुर थाने में 9 नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई जिसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप लगाए गए।

असदुद्दीन ओवैसी ने दी हवा

बता दें कि इस मामले को हवा AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के पोस्ट ने दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अंकाउ्ट पर पोस्ट कर लिखा कि I LOVE MOHAMMAD कहना जुर्म नहीं है। अगर है तो इसकी हर सजा मंज़ूर है।

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