यह मामला सिर्फ अजीब नहीं, बल्कि बहुत ही अनोखा...नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दिया तर्क

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है। इसका मतलब यह है कि कंपनी लाभ, बोनस, वेतन या लाभांश नहीं बांट सकती।;

Update: 2025-07-04 12:57 GMT

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि हर कंपनी को कानून के तहत अपनी देनदारी हटाने की अनुमति होती है। हमने भी वही किया। हमने एजीएल का कर्ज यंग इंडियन को ट्रांसफर किया ताकि एजीएल कर्जमुक्त हो जाए। उन्होंने बताया कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है। इसका मतलब यह है कि कंपनी लाभ, बोनस, वेतन या लाभांश नहीं बांट सकती।

ईडी ने वर्षों तक इस मामले में कुछ नहीं किया

वहीं मामले की सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा कि ईडी का यह मामला वास्तव में बेहद अजीब और अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ अजीब नहीं, बल्कि बहुत ही अनोखा है। यह कथित मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है, लेकिन इसमें न कोई संपत्ति है, न संपत्ति का उपयोग या प्रदर्शन शामिल है।

वहीं अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे कहा कि ईडी ने वर्षों तक इस मामले में कुछ नहीं किया और अचानक एक निजी शिकायत के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि ये लोग कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। अगर नेशनल हेराल्ड किसी गैर-कांग्रेसी संस्था के पास चला जाए तो यह ऐसा होगा जैसे 'हैमलेट नाटक' हो लेकिन उसमें डेनमार्क का राजकुमार न हो।

एजीएल की पूरी संपत्ति अपने हाथ में ले ली

प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी यंग इंडियन पर मनी लॉन्ड्रिंग और साजिश के आरोप लगाए हैं। ईडी का आरोप है कि इन लोगों ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजीएल) की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को धोखाधड़ी से हड़प लिया। यह वही कंपनी है जो नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करती थी। आरोप है कि यंग इंडियन ने सिर्फ 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले एजीएल की पूरी संपत्ति अपने हाथ में ले ली।

गांधी परिवार यंग इंडियन कंपनी के लाभार्थी मालिक

बता दें कि ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने 3 जुलाई को कहा कि गांधी परिवार यंग इंडियन कंपनी के लाभार्थी मालिक हैं और अन्य शेयरधारकों की मृत्यु के बाद उन्होंने पूरी कंपनी पर नियंत्रण कर लिया। ईडी ने गांधी परिवार समेत अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) की धारा 3 (मनी लॉन्ड्रिंग की परिभाषा) और धारा 4 (सजा से जुड़ी) के तहत चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के नाम हैं। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी।

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