दुनिया की सबसे बड़ी मुफ्त रसोई चलाता है यह मंदिर ! भरता है हर धर्म के लोगों का मुफ्त पेट, जानें नाम और खासियत
अमृतसर। भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर शहर में स्थित स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) को हिंदी में श्री हरमंदिर साहिब (Sri Harmandir Sahib) या दरबार साहिब (Darbar Sahib) के नाम से जाना जाता है। इसे आमतौर पर इसके सुनहरे बाहरी आवरण के कारण 'स्वर्ण मंदिर' कहा जाता है। यह सिख धर्म का सबसे पवित्र धार्मिक स्थल और महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है।
आध्यात्मिक महत्व
यह सार्वभौमिक भाईचारे और विनम्रता का प्रतीक माना जाता है।
स्थापना
इस गुरुद्वारे का निर्माण कार्य सिखों के पांचवें गुरु, श्री गुरु अर्जन देव जी के मार्गदर्शन में हुआ था। इसकी नींव 1588 में एक मुस्लिम सूफी संत, हजरत मियां मीर जी ने रखी थी।
वास्तुकला
⦁ मंदिर का नक्शा गुरु अर्जन देव जी ने खुद तैयार किया था।
⦁ यह सफेद संगमरमर से बना है और इसकी दीवारों पर सोने की पत्तियों से नक्काशी की गई है।
⦁ महाराजा रणजीत सिंह ने 19वीं शताब्दी की शुरुआत में गुरुद्वारे की ऊपरी मंजिलों को सोने से मढ़वाया, जिससे इसे इसका विशिष्ट सुनहरा रूप मिला।
⦁ इसमें चारों दिशाओं (पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण) में चार प्रवेश द्वार हैं, जो सभी लोगों और धर्मों के प्रति सिख धर्म के खुलेपन का प्रतीक हैं।
स्वर्ण मंदिर की 7 खास बातें
1. शुद्ध सोने की परत: मंदिर की ऊपरी दो मंज़िलें और गुंबद (Dome) लगभग 750 किलोग्राम शुद्ध 24-कैरेट सोने की पत्तियों से ढके हुए हैं। रात के समय रोशनी में जब यह चमकता है, तो इसकी भव्यता देखते ही बनती है।
2. 'अमृत सरोवर' के बीच: यह मंदिर एक बड़े पवित्र जलकुंड, जिसे 'अमृत सरोवर' कहा जाता है, के बीच में स्थित है। इसका नाम 'अमृत' (अमरता का अमृत) और 'सरोवर' (तालाब) से मिलकर बना है। मंदिर तक पहुंचने के लिए एक संगमरमर का पुल है।
3. अद्वितीय वास्तुकला: इसकी वास्तुकला हिंदू और इस्लामी शैलियों का एक दुर्लभ और सुंदर मिश्रण है। गुरुद्वारे में चार प्रवेश द्वार हैं, जो सभी धर्मों और जातियों के लोगों के लिए खुलेपन और समानता का प्रतीक हैं।
4. चौबीसों घंटे लंगर सेवा: स्वर्ण मंदिर दुनिया की सबसे बड़ी मुफ्त रसोई चलाता है। 'लंगर' सेवा में जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना हर दिन लाखों लोगों को शाकाहारी भोजन परोसा जाता है। यह सेवा समानता और निस्वार्थ सेवा का एक जीता-जागता उदाहरण है।
5. पवित्र 'गुरु ग्रंथ साहिब' का स्थान: मुख्य मंदिर, जिसे दरबार साहिब कहा जाता है, में सिखों के पवित्र धर्मग्रंथ, 'गुरु ग्रंथ साहिब' को रखा गया है। दिनभर यहां पवित्र शबद कीर्तन (भजन) चलता रहता है, जो वातावरण को दिव्य और शांत बनाता है।
6. रात का नज़ारा: दिन की चकाचौंध के अलावा, रात के समय मंदिर की सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है। पानी में प्रतिबिंब और सोने की इमारत पर कृत्रिम रोशनी का खेल एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य प्रस्तुत करता है।
7. अटूट शांति और आध्यात्मिकता: यहां की शांति अद्वितीय है। सरोवर के चारों ओर संगमरमर के मार्ग पर चलते हुए या कीर्तन सुनते हुए भक्त एक गहरी आध्यात्मिक शांति और सुकून महसूस करते हैं, जो इसे सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि एक पवित्र तीर्थ बनाता है।