छत्तीसगढ़ के बीजापुर में मुठभेड़ में टॉप नक्सली सुधाकर ढेर

सुधाकर आंध्र प्रदेश का रहने वाला था और युवाओं को गुमराह करने, उन्हें कट्टर विचारधारा से जोड़ने के साथ-साथ कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहा। वह माओवादी संगठन की केंद्रीय समिति का सदस्य था और पार्टी के वैचारिक प्रशिक्षण केंद्र 'रेपोस' और केंद्रीय क्षेत्रीय ब्यूरो का प्रमुख था।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-06-05 16:32 GMT

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में वरिष्ठ माओवादी नेता नरसिम्हा चालम उर्फ सुधाकर मारा गया। पुलिस के मुताबिक सुधाकर पर 40 लाख रुपये का इनाम था और वह लंबे समय से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय था। हाल ही में नक्सली संगठन सीपीआई (माओवादी) के महासचिव बसवराजू के मारे जाने के बाद यह एक और बड़ी सफलता मानी जा रही है।

सुधाकर आंध्र प्रदेश का रहने वाला था और युवाओं को गुमराह करने, उन्हें कट्टर विचारधारा से जोड़ने के साथ-साथ कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहा। वह माओवादी संगठन की केंद्रीय समिति का सदस्य था और पार्टी के वैचारिक प्रशिक्षण केंद्र 'रेपोस' और केंद्रीय क्षेत्रीय ब्यूरो का प्रमुख था।

बीजापुर जिले के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के जंगलों में यह मुठभेड़ उस समय हुई जब सुरक्षा बलों को वरिष्ठ नक्सली नेताओं की मौजूदगी की सूचना मिली थी। ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (STF), जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट शामिल थी। घटनास्थल से एक एेके-47 राइफल के साथ सुधाकर का शव बरामद किया गया।

सुधाकर को आनंद, चांति बालकृष्णा, रामराजू, अरविंद और सोम्मना जैसे कई नामों से जाना जाता था। उसके मारे जाने को माओवादी संगठन के लिए एक बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है, खासकर दंडकारण्य क्षेत्र में, जहां संगठन की पकड़ कमजोर होती जा रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि सुधाकर समेत कई नक्सली मारे गए हैं। उन्होंने इसे नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में एक निर्णायक मोड़ बताया। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल अब तक बस्तर क्षेत्र में 200 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं और मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य है।

पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ के बाद इलाके में तलाशी अभियान जारी है ताकि भागे हुए अन्य नक्सलियों को पकड़ा जा सके और अन्य सबूत जुटाए जा सकें। यह कार्रवाई नक्सलवाद के कमजोर होते नेटवर्क को और नुकसान पहुंचाने में सहायक मानी जा रही है।

इससे पहले, 21 मई को नारायणपुर और बीजापुर की सीमा पर हुई मुठभेड़ में माओवादी महासचिव बसवराजू समेत 26 नक्सली मारे गए थे। पुलिस के अनुसार, 2023 से अब तक बस्तर डिवीजन में 400 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश नक्सलवाद के अंतिम दौर की ओर बढ़ रहा है और यह सुरक्षा बलों के साहस और समर्पण का परिणाम है।

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