ट्रंप को लगेगी मिर्ची! पुतिन ने दिया अपने सबसे खास दोस्त को मुलाकात का तोहफा, भारत को भेजेगा एस-400 मिसाइल की और खेप

एस-400 भारत के एयर डिफेंस नेटवर्क के क्षेत्र में एक बाहरी शील्ड का काम करता है और इसे सीधे भारतीय वायु सेना के कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) के साथ जोड़ा गया है।;

Update: 2025-09-03 04:59 GMT

नई दिल्ली। चीन के त्येनजिन में हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस मुलाकात से दोनों देशों के रिश्तों को और अधिक मजबूती मिली है। जिसके चलते रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को मुलाकात का पहला तोहफा देने का ऐलान किया है। दरअसल जानकारी के मुताबिक रूस जल्द ही भारत को एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की अतिरिक्त खेप भेजेगा।

दोनों देशों में समझौते को लेकर हो रही बात

भारत और रूस के बीच एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों की अतिरिक्त आपूर्ति को लेकर बातचीत चल रही है। रूस के फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कोऑपरेशन के प्रमुख दिमित्री शुगायेव ने कहा कि भारत पहले से ही S-400 प्रणाली का संचालन कर रहा है और नई डिलिवरी को लेकर चर्चा जारी है।

2018 में ही भारत ने कर लिया था सौदा

जानकारी के मुताबिक भारत ने वर्ष 2018 में ही रूस के साथ $5.5 बिलियन (करीब ₹45,000 करोड़) का समझौता किया था, जिसके तहत पांच S-400 ट्रायंफ प्रणाली खरीदी जानी थीं। इस सौदे का उद्देश्य चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति के खिलाफ भारत की वायु रक्षा को मजबूत करना था। हालांकि इस सौदे में बार-बार देरी हुई है। लेकिन अब अंतिम दो यूनिट्स की डिलिवरी 2026 और 2027 के लिए निर्धारित की गई है।

एस-400 की भारत के लिए खास अहमियत

बता दें कि यह भारत के एयर डिफेंस नेटवर्क के क्षेत्र में एक बाहरी शील्ड का काम करता है और इसे सीधे भारतीय वायु सेना के कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) के साथ जोड़ा गया है। प्रत्येक एस-400 स्क्वाड्रन में 128 मिसाइलों से लैस दो मिसाइल बैटरी होती हैं। यह सिस्टम दुश्मनों के बमवर्षक, फाइटर जेट, ड्रोन, क्रूज मिसाइल और खुफिया विमानों को 120 से 380 किलोमीटर तक की रेंज में मारकर गिरा सकते हैं। इनके साथ लंबी रेंज के रडार और मोबाइल लॉन्चर वाहन भी होते हैं। इसके चलते भारतीय सशस्त्र सेना को मजबूती मिलती है।

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