Union Cabinet: मोदी सरकार ने दिया किसानों को तोहफा, PM धन-धान्य कृषि योजना पर खर्च करेगी 24 हजार करोड़, जानें योजना की खास बातें

सरकार ने 100 जिलों का चयन किया गया है। जिसमें जिला, ब्लॉक और राज्य स्तर पर निरंतर निगरानी की जाएगी।;

Update: 2025-07-16 11:39 GMT

नई दिल्ली। 'सावन' के महीने में मोदी सरकार ने किसानों को तोहफा दिया है। आज हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार ने कृषि अर्थव्यवस्था और रेन्वेबल एनर्जी के क्षेत्र में देश को मजबूत करने के लिए तीन बड़े फैसले लिए। बैठक में PM धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) पर 24 हजार करोड़ और ग्रीन एनर्जी पर 27 हजार करोड़ खर्च करने का फैसला लिया गया।

कृषि योजना पर 24,000 करोड़ खर्च करेगी सरकार

धन-धान्य कृषि योजना का लक्ष्य किसानों किसान के जीवन में परिवर्तन लाना है। इसके तहत सरकार कृषि जिलों के समग्र विकास के लिए 36 केंद्रीय योजनाओं के समन्वय के माध्यम से हर साल 24,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। केंद्र सरकार के मुताबिक चाहे हॉर्टिकल्चर की योजना हो या कृषि या अन्य योजनाएं सबको एक साथ लाकर जिलों के किसान के विकास के लिए काम किया जाएगा। इसके लिए 100 जिलों का चयन किया गया है। जिसमें जिला, ब्लॉक और राज्य स्तर पर निरंतर निगरानी की जाएगी।

NLCIL और NTPC में निवेश को मिली मंजूरी

बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विस्तार के लिए एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) को 7,000 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी है। जिसके बाद से NLCIL अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, NLC इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड में निवेश कर सकेगी और बदले में NIRL विभिन्न परियोजनाओं में निवेश करेगी। केंद्रीय मंत्री अश्विवनी वैष्णव ने बताया कि सरकार ने एनटीपीसी (NTPC) को ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में निवेश के लिए 20,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी है।

'पीएम धन धान्य कृषि योजना' की खास बातें

- 100 जिलों को कृषि जिलों के तौर पर विकसित किया जाएगा।

- 100 जिले (हर राज्य से कम से एक जिला) जो कृषि के पैमाने पर पीछे होगा, उसको विकसित किया जाएगा।

- 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को यहां समेकित तौर पर लागू किया जाएगा।

- ये 6 साल का कार्यक्रम है।

- हर साल 24000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

- इससे सिंचाई सुविधाओं का विकास करना और कृषि उत्पादकता को बढ़ाना है।

- फसल की कटाई के बाद स्टोरेज और क्रेडिट की उपलब्धता को बढ़ाना है।

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