UP: स्वामी प्रसाद मौर्य की बढ़ीं मुश्किलें, मुकदमा दर्ज, इस धार्मिक ग्रंथ को लेकर दिए थे विवादित बयान
साल 2023 में एक इंटरव्यू के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने तुलसीदास द्वारा रचित श्री रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था;
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते है। इस बार भी अपनी विवादित बयानों के चलते उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल प्राचीन धर्म ग्रंथ श्री रामचरितमानस और तुलसीदास पर टिप्पणी को लेकर वाराणसी जिला न्यायालय में अधिवक्ता द्वारा प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। जिसके बाद इस बार अब मुकदमा दर्ज होने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
तुलसीदास रामचरितमानस को लेकर दिए थे विवादित बयान
बता दें कि साल 2023 जनवरी के महीने में एक इंटरव्यू के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने तुलसीदास द्वारा रचित श्री रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस को करोड़ों हिंदू नहीं पढ़ते। यह सब बकवास है, तुलसीदास ने इसे अपनी प्रसन्नता के लिए लिखा है और उन्होंने इस धर्म ग्रंथ से आपत्तिजनक शब्द हटा दिए जाने अथवा बैन किए जाने तक की बात कही थी। जिसके बाद वद विवादों में घिर गए।
कोर्ट के निर्देश पर दर्ज हुआ मुकदमा
जानकारी के मुताबिक अधिवक्ता अशोक कुमार ने मौर्य के बयान के खिलाफ वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने मौर्य के साक्षात्कार का वीडियो साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया। शुरू में अक्टूबर 2023 में यह याचिका खारिज कर दी गई थी, लेकिन रिवीजन याचिका दायर होने के बाद कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई की। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने कैंट थाना प्रभारी को उचित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने और जांच शुरू करने का आदेश दिया।