यूपी में बनेगा नया जिला 'कल्याण सिंह नगर', तीन तहसीलों को मिलाकर होगी संरचना
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे और पूर्व सांसद राजवीर सिंह राजू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक अगस्त को पत्र लिखकर इस जिले के गठन की मांग की थी।;
उत्तर प्रदेश में जिलों की संख्या अब 76 होने की ओर बढ़ रही है। राज्य सरकार एक नए जिले के गठन की तैयारी में है, जिसका नाम पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाम पर ‘कल्याण सिंह नगर’ रखा जाएगा। यह प्रस्ताव अलीगढ़ और बुलंदशहर जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर तैयार किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे और पूर्व सांसद राजवीर सिंह राजू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक अगस्त को पत्र लिखकर इस जिले के गठन की मांग की थी। इसके बाद राजस्व परिषद के आयुक्त ने दोनों जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर इस प्रस्ताव पर रिपोर्ट मांगी है।
नया जिला कहां बनेगा
प्रस्ताव के अनुसार, बुलंदशहर की डिबाई तहसील, अलीगढ़ की अतरौली तहसील और गंगीरी कस्बे को मिलाकर ‘कल्याण सिंह नगर’ नाम से नया जिला बनाया जाएगा। यह क्षेत्र कल्याण सिंह की जन्मभूमि मढ़ौली (अतरौली) और कर्मभूमि डिबाई से भी जुड़ा हुआ है।
क्यों उठी जिले की मांग
राजवीर सिंह ने पत्र में लिखा कि उनके पिता ने समाज और प्रदेश के विकास के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने हमेशा विषम परिस्थितियों में भी अतरौली क्षेत्र से जनता का प्रतिनिधित्व किया।
लोगों की मांग है कि जैसे अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों और महापुरुषों के नाम पर जिले बनाए गए हैं, वैसे ही कल्याण सिंह के नाम पर भी उनके क्षेत्र को सम्मान दिया जाए।
विकास की बड़ी उम्मीदें
अलीगढ़ और बुलंदशहर के कई इलाके एनसीआर से सटे होने के बावजूद अभी विकास की रफ्तार से पीछे हैं। अतरौली और डिबाई के लोगों को उम्मीद है कि अगर यह जिला बनता है, तो उन्हें बेहतर प्रशासन और विकास के अवसर मिलेंगे।
प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू
राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव के प्रभारी अधिकारी राम कुमार द्विवेदी ने दोनों जिलों के डीएम को पत्र भेजा है। इसमें नए जिले और तहसील के गठन से जुड़ी औचित्यपूर्ण रिपोर्ट (Justification Report) कमिश्नर के माध्यम से भेजने को कहा गया है।
इस रिपोर्ट के आधार पर ‘कल्याण सिंह नगर’ के गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
कल्याण सिंह की विरासत
कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे और भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण चेहरा रहे। अयोध्या आंदोलन से लेकर प्रदेश के विकास तक, उन्होंने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए। अब उनके नाम पर जिले के गठन से न केवल उनकी स्मृति को सम्मान मिलेगा, बल्कि उनके क्षेत्र को भी नई पहचान मिल सकती है।