गर्मियों में भिंडी का सेवन क्यों है फायदेमंद? जानें सेहत से जुड़े जबरदस्त लाभ
नई दिल्ली। गर्मियों में अगर आप हल्की, पौष्टिक और शरीर को ठंडक पहुंचाने वाली सब्जियों की तलाश में हैं, तो भिंडी (लेडी फिंगर) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि इसमें ऐसे कई पोषक तत्व होते हैं जो गर्मियों में शरीर को अंदर से ठंडा रखने, डिहाइड्रेशन से बचाने और पाचन को सुधारने में मदद करते हैं।
भिंडी के पोषक तत्व
इसमें कैलोरी कम, ज्यादा फाइबर और विटामिन ए और सी के साथ-साथ पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों का अच्छा स्रोत है। इसमें फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक यौगिकों सहित एंटीऑक्सिडेंट भी शामिल हैं, जिनके संभावित स्वास्थ्य लाभ हैं।
भिंडी के फायदे
पाचन सुधारती है- भिंडी में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन को बेहतर बनाती है और कब्ज की समस्या से राहत दिलाती है।
शरीर को ठंडक देती है- इसका ठंडा स्वभाव गर्मियों में शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है।
डिहाइड्रेशन से बचाव- भिंडी में मौजूद म्यूसीलेज (चिपचिपा तत्व) शरीर को हाइड्रेटेड रखने में सहायक होता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल- भिंडी का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी है।
स्किन और बालों के लिए लाभकारी- इसमें मौजूद विटामिन A और C त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाए रखते हैं।
इम्यून सिस्टम मजबूत बनाती है- इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
आंखों की रोशनी को बढ़ाता है- भिंडी विटामिन ए से भरपूर होती है, जो आंखों की रोशनी के लिए जरूरी है। नियमित रूप से भिंडी का सेवन मैक्यूलर डिजनरेशन को रोकने और हेल्दी आंखों की रोशनी को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करती है- भिंडी में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल अब्जॉर्प्शन को कम करने, हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करने और हार्ट हेल्थ में सुधार करने में मदद करता है।
भिंडी के नुकसान
किडनी स्टोन- भिंडी में ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी स्टोन के खतरे को बढ़ा सकती है।
गाउट- गाउट के मरीजों को भिंडी खाने से बचना चाहिए क्योंकि भिंडी में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होती है, जो गाउट के लक्षणों को और खराब कर सकती है।
एलर्जी- कुछ लोगों को भिंडी से एलर्जी हो सकती है, जिसमें त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण हो सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल लेवल में वृद्धि- भिंडी को अधिक तेल में पकाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है।
ब्लड शुगर में असंतुलन- भिंडी में फाइबर की अधिकता और आलू में कार्बोहाइड्रेट की अधिकता के कारण, भिंडी और आलू को साथ खाने से ब्लड शुगर में असंतुलन हो सकता है।
भिंडी का सेवन करने का सही समय
भिंडी को दिन के समय, खासतौर पर दोपहर के भोजन में शामिल करना सबसे उपयुक्त होता है। इससे पाचन बेहतर रहता है और शरीर को दिनभर ठंडक मिलती है। रात में इसका सेवन कम करना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद फाइबर रात को पचने में समय ले सकता है।
कितनी मात्रा में करें सेवन?
प्रत्येक दिन 100–150 ग्राम भिंडी (पकी हुई) खाना पर्याप्त होता है। इसे उबाल कर, भून कर या हल्के मसालों के साथ सब्जी के रूप में खाया जा सकता है। गहरे तले हुए भिंडी के चिप्स से परहेज करें क्योंकि गर्मियों में तली-भुनी चीजें शरीर में गर्मी पैदा करती हैं।