शीतकालीन सत्र से पहले पीएम का संबोधन! विपक्ष पर साधा निशाना, बोले - विपक्ष पराजय से बाहर निकलें
नई दिल्ली। आज से शीतकालीन सत्र की शुरूआत हो रही है। इसमें नए 10 विधेयक पेश किए जा सकते हैं। शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। संसद सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है। वहीं, सरकार चाहती है कि वंदे मातरम् पर चर्चा हो। ऐसे में पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा है। पीएम ने कहा कि विपक्ष को अपने पराजय से बाहर आना चाहिए।
क्या बोले पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा यह शीतकालीन सत्र महज एक रस्म नहीं है। भारत ने लोकतंत्र को जिया है। लोकतंत्र का उत्साह और जोश बार-बार इस तरह से व्यक्त हुआ है कि लोकतंत्र में विश्वास और मजबूत होता जा रहा है। मैं इस शीतकालीन सत्र में सभी दलों से आग्रह करता हूं कि हार की घबराहट को बहस का विषय न बनने दें। जनप्रतिनिधि होने के नाते, हमें देश की जनता की जिम्मेदारियों और अपेक्षाओं को अत्यंत संतुलन और जिम्मेदारी के साथ भविष्य के बारे में सोचते हुए निभाना चाहिए।
पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने कहा कि - यह सत्र इस बात पर केंद्रित होना चाहिए कि यह संसद देश के बारे में क्या सोचती है। देश के लिए क्या करना चाहती है। इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए। विपक्ष को भी अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्हें ऐसे मुद्दे उठाने चाहिए जो मजबूत हों। उन्हें हार की निराशा से उबरना चाहिए। और दुर्भाग्य से कुछ दल ऐसे हैं जो हार को पचा नहीं पा रहे हैं। और मैं सोच रहा था कि बिहार के नतीजे आए इतना समय बीत चुका है, तो शायद वे थोड़ा शांत हो गए होंगे। लेकिन कल जो मैंने सुना, उससे लगता है कि हार ने उन्हें परेशान कर दिया है।
नारों पर नहीं, नीति पर जोर होना चाहिए
पीएम मोदी ने कहा जो कोई भी नाटक करना चाहता है, वह कर सकता है। यहां नाटक नहीं, बल्कि काम करने की बात होनी चाहिए। नारों पर नहीं, नीति पर जोर होना चाहिए। पीएम ने आगे कहा राजनीति में नकारात्मकता उपयोगी हो सकती है। लेकिन अंततः राष्ट्र-निर्माण के लिए कुछ सकारात्मक सोच भी होनी चाहिए। मैं आपसे अपेक्षा करता हूं कि आप नकारात्मकता को सीमा में रखें और राष्ट्र-निर्माण पर ध्यान केंद्रित करें।