भारत का एक ऐसा मंदिर जहां पर है सख्त ड्रेस कोड, जानें क्या है बंद तिजोरी का रहस्य... खुद नाग देवता करते हैं रक्षा

Update: 2025-12-23 02:30 GMT

तिरुवनंतपुरम। पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के तिरुवनंतपुरम शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह दुनिया के सबसे धनी मंदिरों में से एक माना जाता है और अपनी अनूठी वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और विशाल खजाने के लिए जाना जाता है।

मुख्य जानकारी

मुख्य देवता: मंदिर के प्रमुख देवता भगवान विष्णु हैं, जिन्हें "अनंत शयनम" मुद्रा में दर्शाया गया है। इस मुद्रा में भगवान विष्णु शेषनाग (आदिशेष) पर लेटे हुए हैं।

वास्तुकला: मंदिर केरल और द्रविड़ शैली की वास्तुकला का एक सुंदर मिश्रण है, जिसमें एक भव्य 16वीं सदी का गोपुरम (प्रवेश द्वार टॉवर) और पत्थर व कांस्य पर विस्तृत नक्काशी शामिल है।

ऐतिहासिक महत्व: मंदिर का इतिहास 8वीं शताब्दी तक पुराना माना जाता है। त्रावणकोर शाही परिवार सदियों से इस मंदिर का संरक्षक रहा है, और 18वीं शताब्दी में राजा मार्तंडा वर्मा ने अपने पूरे राज्य को भगवान पद्मनाभ को समर्पित कर दिया था।

खजाना: 2011 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर मंदिर के भूमिगत तहखानों को खोला गया, जिसमें सोने के सिंहासन, मुकुट, रोमन साम्राज्य के सोने के सिक्के, हीरे, और अन्य बहुमूल्य रत्नों का एक विशाल खजाना मिला। तहखाने 'बी' (Vault B) अभी भी बंद है और माना जाता है कि इसे खोलना अशुभ होगा। 

महत्वपूर्ण जानकारी

ड्रेस कोड- मंदिर में सख्त ड्रेस कोड का पालन करना होता है (पुरुषों और महिलाओं के लिए पारंपरिक वेशभूषा)।

प्रवेश- गैर-हिंदुओं और अविवाहित भारतीयों को प्रवेश की अनुमति नहीं है।

7वां वॉल्ट (तिजोरी)- इसके सबसे गुप्त वॉल्ट (B) को आज तक नहीं खोला गया है, क्योंकि यह माना जाता है कि इसे खोलने से विनाश हो सकता है, और इसकी रक्षा नाग देवता करते हैं।

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