वाराणसी का एक ऐसा मंदिर जो भगवान शिव को है समर्पित, भक्त यहां बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए करते हैं विशेष पूजा
वाराणसी का महामृत्युंजय मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे 'मृत्युंजय महादेव मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर वाराणसी में काल भैरव मंदिर के पास स्थित है और अपने औषधीय गुणों वाले कुएं और चमत्कारी शिवलिंग के लिए जाना जाता है।
मंदिर की विशेषताएं
पौराणिक महत्व: कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थित छोटे मंदिर हजारों साल पुराने हैं, हालांकि वर्तमान इमारत का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था। यहां पर महामृत्युंजय मंत्र का पाठ विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
धन्वंतरि कूप: मंदिर परिसर में एक प्राचीन कुआं है, जिसे धन्वंतरि कूप कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस कुएं का पानी असाध्य रोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है।
अष्ट भैरव मूर्तियां: मंदिर में भगवान शिव के महामृत्युंजय स्वरूप के साथ-साथ अष्ट भैरव की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
आध्यात्मिक महत्व: भक्त यहां लंबी उम्र, बीमारियों से मुक्ति और मृत्यु के भय से छुटकारा पाने के लिए आते हैं। महामृत्युंजय मंत्र का जाप यहां बहुत शक्तिशाली माना जाता है।
स्थान और समय
पता: महामृत्युंजय रोड, दारा नगर, कोतवाल, वाराणसी, उत्तर प्रदेश।
खुलने का समय: मंदिर सुबह 4 बजे से रात 12 बजे तक खुला रहता है।
आरती का समय:
सुबह की आरती: सुबह 5:30 बजे।
शाम की आरती: शाम 6:30 बजे।
शयन आरती: रात 11:30 बजे।