अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को दिया बड़ा झटका: रक्षा मंत्री और ISI प्रमुख को वीजा देने से किया इनकार
इसी बीच, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए उसके रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक और दो अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को वीजा देने से इनकार कर दिया है।;
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। सीमा पर हाल में हुई गोलीबारी के बाद दोनों देशों के रिश्तों में ठंडापन बढ़ गया है। इसी बीच, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए उसके रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक और दो अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को वीजा देने से इनकार कर दिया है।
अफगान मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन चारों अधिकारियों ने पिछले तीन दिनों में अफगानिस्तान यात्रा के लिए वीजा की मांग की थी, लेकिन काबुल ने सभी आवेदन खारिज कर दिए। बताया जा रहा है कि यह फैसला सीमा पर जारी संघर्ष और पाकिस्तान के "शांति प्रयासों" पर अफगान सरकार की नाराजगी को दर्शाता है।
शनिवार की रात अफगान सेना ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए कार्रवाई की थी, जिसके बाद सीमा पर जबरदस्त झड़पें हुईं। अफगान अधिकारियों का दावा है कि यह हमला पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे बार-बार के हवाई और जमीनी उल्लंघन के जवाब में किया गया। अफगान सेना का कहना है कि उनकी कार्रवाई में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि पाकिस्तान ने इस आंकड़े को खारिज करते हुए कहा कि उसके केवल 23 जवान शहीद हुए हैं और जवाबी कार्रवाई में 200 से अधिक तालिबान से जुड़े लड़ाके मारे गए।
इस तनाव के बीच सऊदी अरब सहित कई देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की अपील की है।
सीमा पर शांति की स्थिति फिलहाल रविवार से बनी हुई है। अफगान अधिकारियों के अनुसार, डूरंड लाइन के नाम से जानी जाने वाली 2611 किलोमीटर लंबी सीमा पर फिलहाल कोई गोलीबारी की घटना दर्ज नहीं हुई है। अफगानिस्तान ने इस सीमा रेखा को कभी औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है।
वहीं, चमन बॉर्डर क्रॉसिंग को सुरक्षा कारणों से अभी भी व्यापारिक गतिविधियों के लिए बंद रखा गया है। सरकारी अधिकारी इम्तियाज अली के मुताबिक, रविवार से वहां फंसे करीब 1500 अफगान नागरिकों को पैदल लौटने की अनुमति दी गई है। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि सीमा को सामान्य आवागमन के लिए कब फिर से खोला जाएगा।
इस घटनाक्रम के बाद माना जा रहा है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वीजा अस्वीकार करने का यह कदम काबुल की ओर से एक स्पष्ट संकेत है कि अब वह पाकिस्तान के प्रभाव में आने के लिए तैयार नहीं है।