धर्म की जांच के बाद प्राइवेट पार्ट में लगाया करंट, मॉब लिंचिंग में युवक की गई जान, पत्नी का सनसनीखेज खुलासा...
पत्नी ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा है कि मेरे शौहर को केवल इसलिए मारा गया क्योंकि वो मुस्लिम थे।;
नवादा। बिहार से एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल बिहार के नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र में मॉब लिंचिंग में घायल हुए मोहम्मद अतहर हुसैन की बिहारशरीफ सदर अस्पताल में मौत हो गई। वहीं इस मामले में मृतक अतहर हुसैन की पत्नी शबनम प्रवीण अपने न्याय की मांग कर रही हैं। शबनम प्रवीण ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा है कि मेरे शौहर को केवल इसलिए मारा गया क्योंकि वो मुस्लिम थे। शबनम ने कहा कि मेरे पति का धर्म पता करने के लिए पैंट खोला गया था। उसके बाद उनका हाथ तोड़ कर कान काट दिए गए फिर करंट लगाते हुए बेरहमी से पीटा गया था। इसलिए हमें अब प्रशासन से इंसाफ चाहिए।
मेरे पति को जानबूझकर अपराधी दिखाने की कोशिश की गई
शबनम प्रवीण ने कहा कि मेरे पति हुसैन पर चोरी का झूठा आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कर दी गई। शबनम ने आगे कहा कि उनके पति को जानबूझकर अपराधी दिखाने की कोशिश की गई, जबकि सच्चाई यह है कि उन्हें नाम और धर्म पूछकर निशाना बनाया गया। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि घटना के बाद से कोई कार्रवाई नहीं हुई।
6 से 7 नशे में धुत युवकों ने शबनम के पति को रोका
जानकारी के अनुसार, 5 दिसंबर को पति अतहर हुसैन डुमरी गांव से लौट रहे थे, उसी समय भट्टा गांव के पास 6 से 7 नशे में धुत युवकों ने उन्हें रोक लिया था। उनसे पहले नाम और घर का पता पूछा गया। जैसे ही उन्होंने अपना नाम मोहम्मद अतहर हुसैन बताया, वहां भीड़ उग्र हो गई। युवकों ने जबरन साइकिल से मेरे पति को उतार लिया गया, पैसे लूटे गए और हाथ-पैर बांधकर एक कमरे में घसीट ले जाया गया।
निजी अंगों पर पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश हुई
परिजनों ने कहा कि कमरे में अतहर के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं। उसके बाद पैंट खोलकर धर्म की जांच कर निजी अंगों पर पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश की गई। इतना ही नहीं गर्म लोहे की रॉड से शरीर दागा गया, उंगलियां तोड़ी गईं, कान काट दिए गए और प्राइवेट पार्ट में करंट लगाया गया। छोटे भाई मोहम्मद चांद ने सवाल उठाया कि क्या बिहार में मुसलमानों को रहने का अधिकार नहीं है। क्या सिर्फ धर्म देखकर ही कार्रवाई होती है?
मौत से पहले अतहर ने दर्ज कराया बयान
पत्नी शबनम ने कहा कि पुलिस ने उन्हें बचाया और इलाज कराया, लेकिन जख्म इतने गहरे थे कि शरीर साथ नहीं दे रहा था। उसके बाद बिहार शरीफ सदर अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम नालंदा सदर अस्पताल में फॉरेंसिक टीम और मजिस्ट्रेट की निगरानी में हुआ।
चार आरोपी की हुई गिरफ्तारी
इस मामले में चार आरोपी सोनू कुमार, रंजन कुमार, सचिन कुमार और श्री कुमार को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। हालांकि, परिजन इस कार्रवाई से खुश नहीं हैं। परिजना ने झुकी नजरों से कहा कि हमें सरकार और प्रशासन से केवल न्याय चाहिए। बता दें कि यह मामला नवादा में बढ़ती मोब लिंचिंग की घटनाओं पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करता है।