नेपाल में तख्तापलट के बाद पड़ोसी देश चीन का आया रिएक्शन! ओली पर साधी चुप्पी
ओली ने नेपाल-चीन के रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में खास भूमिका निभाई थी;
नई दिल्ली। नेपाल में Gen-Z आंदोलन होने की वजह से काफी हंगामा मचा हुआ है। नेपाल में चारों ओर हिंसा का माहौल छा चुका है। इस कारण से कानून-व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो गई थी। फिर इसी गरमागरमी के माहौल में ही प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दिया। काठमांडू में अराजकता फैलने के बाद इसे काबू में करने के लिए सेना ने सुरक्षा संस्थानों को अपने कब्जे में लिया है। नेपाल की घटना को लेकर चीन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
चीन और नेपाल अच्छे मित्र हैं
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन और नेपाल अच्छे मित्र एवं पड़ोसी हैं। उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि नेपाल के सभी तबके के लोग घरेलू मुद्दों को समझदारी से हल करेंगे। उम्मीद है अतिशीघ्र सामाजिक व्यवस्था और क्षेत्रीय शांति की स्थिति ठीक होगी। लिन जियान ने आगे कहा कि फिलहाल चीन ओली के इस्तीफे पर कुछ नहीं बोलना चाहता है। ओली को चीन का समर्थक नेता कहा जाता है। बता दें, कि उन्होंने नेपाल-चीन के रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में खास भूमिका निभाई थी।
लोगों की सुरक्षा को लेकर सतर्क
लिन जियान ने ये भी कहा कि नेपाल में अब तक किसी भी चीनी नागरिक के साथ कोई हादसा नहीं हुआ है। उन्होंने चीनियों से अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरतने को कहा है। साथ ही सलाह दी है कि वे बेवजह घर से बाहर न निकलें। इसके अलावा चीन ने नेपाल के अपने दूतावास में आपातकालीन सुरक्षा व्यवस्था भी कर दी है। उन्होंने यह कहा कि अगर हालात बिगड़े तो नागरिक तुरंत चीन के नेपाल स्थित दूतावास से संपर्क साध सकता है।
प्रधानमंत्री ओली ने शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन में भाग लिया था
प्रधानमंत्री ओली ने हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन और द्वितीय विश्व युद्ध पर आयोजित सैन्य परेड में भाग लिया था। लेकिन नेपाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होने के कारण ओली को इस्तीफा देना पड़ा।