राज्यसभा में अमित शाह बोले: पहलगाम के तीनों आतंकियों को सिर में मारी गई गोली, लश्कर-ए-तैयबा से था संबंध
शाह के संबोधन की शुरुआत में विपक्षी दलों ने विरोध जताया और प्रधानमंत्री से वक्तव्य की मांग की। लेकिन जब सभापति ने इसे खारिज किया, तो वे वॉकआउट कर गए।;
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के दौरान मारे गए तीनों आतंकवादियों को सिर में गोली मारी गई थी। उन्होंने बताया कि पीड़ितों के परिजनों समेत कई लोगों की यही मांग थी और 'ऑपरेशन महादेव' में उन्हें वही अंजाम मिला।
'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान शाह ने कहा कि जांच में यह स्पष्ट हुआ कि तीनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे, जो पहलगाम हमले में शामिल थे। शाह ने कहा कि यह एक ऐसा क्रूर हमला था जिसमें धर्म पूछकर महिलाओं और बच्चों के सामने लोगों की हत्या की गई — ऐसा जघन्य अपराध पहले कभी नहीं हुआ।
शाह के संबोधन की शुरुआत में विपक्षी दलों ने विरोध जताया और प्रधानमंत्री से वक्तव्य की मांग की। लेकिन जब सभापति ने इसे खारिज किया, तो वे वॉकआउट कर गए।
गृह मंत्री ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चिदंबरम ने न सिर्फ उनके इस्तीफे की मांग की, बल्कि यह भी सबूत मांगा कि मारे गए आतंकी पाकिस्तान से थे। उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' की वैधता पर भी सवाल खड़े किए।
शाह ने कहा, "कांग्रेस की प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं, बल्कि वोटबैंक की राजनीति है। वो तुष्टिकरण की नीति अपनाकर पाकिस्तान, लश्कर और आतंकवादियों का समर्थन करते हैं।"
उन्होंने कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि जब छत्रपति शिवाजी ने मुगलों के खिलाफ युद्ध लड़ा था, तब उनका नारा था — "हर हर महादेव"। ऐसे नारे भारत के कई सैनिकों द्वारा दिए गए हैं और इनका किसी धर्म विशेष से कोई लेना-देना नहीं होता।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तीनों आतंकियों का पीछा कर उन्हें बेहद कठिन भूभाग में मार गिराया गया, जहां सुरक्षाबलों को ड्रोन से खाना भेजा जाता था। सीआरपीएफ, सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में यह सफलता मिली।