शिखर सम्मेलन से पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मास्को में की मुलाकात, जानें किस मुददे पर हुई चर्चा

पुतिन ने क्रेमलिन के सीनेट पैलेस के प्रतिनिधि कार्यालय में जाकर जयशंकर से हाथ मिलाकर उनका स्वागत किया;

By :  Aryan
Update: 2025-11-19 06:19 GMT

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस.जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों से मुलाकात के लिए मास्को गए थे। इस दौरान उन्होंने मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भेंट की। जानकारी के अनुसार, पुतिन ने क्रेमलिन के सीनेट पैलेस के प्रतिनिधि कार्यालय में जाकर जयशंकर से हाथ मिलाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने आने वाले वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियों के बारे में जानकारी दी।

क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर हुई चर्चा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आज मैं मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात कर बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने पीएम मोदी की ओर से उनका अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि उन्हें आगामी वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियों से अवगत कराया गया है। इस दौरान दोनों के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हमारे संबंधों को मजबूत और गहरा बनाने के लिए उनके दृष्टिकोण और मार्गदर्शन को की सराहना करता हूं।

आतंकवाद को नजरअंदाज करना उचित

शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्राध्यक्ष परिषद की बैठक के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मास्को में कहा कि दुनिया को आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसका कोई औचित्य नहीं हो सकता इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत के मुताबिक एससीओ को बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुकूल होना चाहिए, एक विस्तृत एजेंडा को विकसित करना चाहिए। इसके साथ ही अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इन उद्देश्यों में पूर्ण योगदान देंगे।

गौरतलब है कि यह बैठक पुतिन की साल के अंत में प्रस्तावित भारत यात्रा से पहले हुई है। जानकारी के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति के पांच दिसंबर के आसपास भारत आ सकते हैं। इस बैठक में रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन, ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद रजा अरेफ, बेलारूस के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर तुर्चिन, कजाकिस्तान के ओलजस बेक्टेनोव, किर्गिस्तान के एडिलबेक कासिमलियेव, ताजिकिस्तान के कोखिर रसूलजोदा और उज्बेकिस्तान के अब्दुल्ला अरिपोव के साथ-साथ पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार और एससीओ महासचिव नुरलान यरमेकबायेव भी शामिल थे।

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