महाराष्ट्र निकाय चुनावों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत, महायुति 200 के पार; विपक्ष ने ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया पर उठाए सवाल
राज्य की कुल 288 नगर परिषद और नगर पंचायत सीटों में से भाजपा 129 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है या बढ़त बनाए हुए है, जिससे वह इन चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।;
महाराष्ट्र में स्थित नगर निकाय प्रेसीडेंट के स्टाल ने राज्य की राजनीति में बड़ा संदेश दिया है। रविवार को घोषित नतीजों में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने जीत दर्ज करते हुए 200 से अधिक का प्रदर्शन किया। राज्य की कुल 288 नगर परिषद और नगर पंचायत में भाजपा 129 पार्टी की सदस्यता पर जीत दर्ज की गई है या बढ़त बनाई गई है, जिससे वह चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
महायुति गठबंधन के अन्य सहयोगियों की बात करें तो शिवसेना (शिंदे गुट) को 51 सीटों पर जीत या बढ़त मिली है, जबकि एनसीपी (अजित पवार गुट) को 33 सीटों पर जीत या बढ़त मिली है। इसकी यूनिटी मशीनरी महाविकास अघाड़ी (एमवीई) का प्रदर्शन बेहद खराब चल रहा है। कांग्रेस, कांग्रेस (यूबीटी) और गर्लफ्रेंड (शरद रेवेरेंट गुट) को मिलाकर केवल 52 सीटें बनाई गई हैं।
विचारधारा की जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने इसे भाजपा के सकारात्मक प्रचार और विकास की जीत बताया। उन्होंने कहा कि यह पहला चुनाव है जिसमें किसी भी विरोधी दल या नेता पर व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाए गए हैं, बल्कि केवल सरकार की मंजूरी और विकास कार्यों को जनता के सामने रखा गया है। वाइट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी नेतृत्व के दावे पर खरा उतरना उनके लिए गर्व का विषय है। उन्होंने दावा किया कि स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा ने रिकॉर्ड बनाया है, जहां करीब 48 प्रतिशत मजबूत पार्टियों के चुनाव चिह्न पर नामांकन हुआ है और 129 नगर परिषदों में भाजपा के लोकतांत्रिक अध्यक्ष चुने गए हैं।
वहीं, आर्टिस्ट ने एंटरप्राइज़ को लेकर रेज़ॉलूशन दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्द्धन सपकाल ने पार्टी के विजयी गुट को बधाई देते हुए राज्य चुनाव निकाय में एक नारा दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अस्थायी गठबंधन को "मदद" मिला, वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाता है।
शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने महायुति की जीत के लिए सीधे तौर पर कथित तौर पर आरोपियों पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नामांकित आर्केस्ट्रा द्वारा भारी खर्च किया गया और "पैसे की बारिश" का मुकाबला नहीं किया जा सका। वहीं, बीजेपी (यूबीटी) के ही नेता अंबादास दानवे ने आरोप लगाया कि महायुति की जीत पैसा और बाहुबल के दम पर तय हुई है। छत्रपति संभाजीनगर में उन्होंने कहा कि आश्रमी आश्रम की सेनाओं के सामने गठबंधन टिक नहीं सका।
राजनीतिक सिद्धांतों का मानना है कि ये नतीजे आने वाले विधानसभा और चुनावों से पहले नामांकित गठबंधन का संतुलन बढ़ाने वाले हैं। वहीं, भर्ती के लिए यह आत्ममंथन का संकेत है। डेमोक्रेट और चुनाव प्रक्रिया पर उठे सवाल यह साफ है कि महाराष्ट्र की राजनीति में बिशप ने नई बहस छेड़ दी है।