भाषा की बाधा से ChatGPT ने उबारा! बेंगलुरु में एक लड़के ने ChatGPT की मदद से कन्नड़ में किया ऑटो ड्राइवर से सौदा, देखें वीडियो
बेंगलुरु (शुभांगी)। बेंगलुरु जैसे महानगरों में भाषा की दीवार कई बार परेशानी का कारण बन जाती है, खासकर बाहरी छात्रों के लिए। लेकिन अब टेक्नोलॉजी ने इस समस्या का भी हल निकाल लिया है। हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक छात्र ने ChatGPT की मदद से कन्नड़ भाषा में ऑटो ड्राइवर से बातचीत कर सफलतापूर्वक किराया कम करवा लिया।
ChatGPT बना संवाद का पुल
वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्र ChatGPT से कहता है, “मैं एक छात्र हूं और ऑटो वाला ₹200 मांग रहा है। कृपया ₹100 में बात करवाइए।” इसके बाद ChatGPT न केवल स्थानीय भाषा में जवाब देता है, बल्कि भावनात्मक और विनम्र शब्दों में ड्राइवर से आग्रह करता है: “अन्ना, मैं रोज इसी रास्ते से जाता हूं और एक स्टूडेंट हूं, कृपया ₹100 में चलिए।”
बातचीत में दिखी इंसानियत और तकनीक की ताकत
ड्राइवर पहले ₹200 की मांग पर अड़ा था, लेकिन बातचीत के बाद ₹150 पर आया। छात्र के लगातार आग्रह और ChatGPT की मध्यस्थता के चलते उसने आखिरकार ₹120 में सहमति दे दी। ड्राइवर ने कहा, “मैंने ₹200 से ₹150 किया, फिर आपकी बात मानकर ₹120 पर आया। इससे कम नहीं हो पाएगा।” छात्र ने खुशी-खुशी हामी भर दी और सफर शुरू किया।
सोशल मीडिया पर लोगों ने की जमकर तारीफ
इस वीडियो के सामने आते ही लोग ChatGPT के इस इस्तेमाल से बेहद प्रभावित हुए। कई यूजर्स ने लिखा, “भाषा की बाधा अब अतीत की बात लगती है।” वहीं कुछ ने इसे AI का सही उपयोग बताया। वीडियो में न कोई दिखावा था, न कोई स्क्रिप्ट – बस एक आम छात्र और रोजमर्रा की जिंदगी में तकनीक की सच्ची उपयोगिता।
भविष्य की झलक
इस घटना ने यह दिखा दिया है कि AI अब केवल किताबों या कोडिंग तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हमारे दैनिक जीवन के हर पहलू में प्रवेश कर चुका है - चाहे वो भाषा हो, भावनाएं हों या व्यवहारिक समाधान। यह उदाहरण न केवल रोचक है, बल्कि उम्मीद भी जगाता है कि सही उपयोग से टेक्नोलॉजी सभी के लिए सुलभ और उपयोगी बन सकती है।