हर एम्स स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार और सीख का केंद्र: जे पी नड्डा

नड्डा ने कहा कि हर एम्स उन्नत क्लिनिकल सेवाएं, उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को एक साथ जोड़ता है और यह संस्थान देश के स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-06-14 19:30 GMT

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि देशभर में स्थापित सभी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) न केवल क्षेत्रीय स्वास्थ्य असमानताओं को दूर करने में मदद कर रहे हैं, बल्कि ये संस्थान चिकित्सा नवाचार, प्रशिक्षण और सस्ती इलाज की सुविधाएं प्रदान करने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

नड्डा ने यह बात नागपुर स्थित एम्स में आयोजित "सर्वोत्तम प्रथाएं" विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन के पहले संस्करण को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कही। इस सम्मेलन का उद्देश्य देशभर के विभिन्न एम्स संस्थानों द्वारा अपनाई गई बेहतरीन प्रक्रियाओं को साझा करना है, जिनमें मरीजों की देखभाल, संचालन में दक्षता, डिजिटल बदलाव और शैक्षणिक गुणवत्ता जैसे पहलुओं पर ध्यान दिया गया।

सम्मेलन में एम्स भोपाल, जम्मू, बिलासपुर, जोधपुर, नागपुर, देवघर, पटना, गोरखपुर, गुवाहाटी और रायपुर के साथ-साथ प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना और रक्षा मंत्रालय की भागीदारी रही।

नड्डा ने कहा कि हर एम्स उन्नत क्लिनिकल सेवाएं, उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को एक साथ जोड़ता है और यह संस्थान देश के स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि एम्स के बीच बेहतरीन तरीकों और नवाचारों को साझा करना ज़रूरी है ताकि अन्य संस्थान भी उन प्रक्रियाओं को अपनाकर लाभ उठा सकें। नड्डा ने एम्स नागपुर की इस पहल की सराहना की, जिसने पहला सम्मेलन आयोजित कर नेतृत्व किया।

उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन चिकित्सा शिक्षा, अस्पताल सेवाओं और प्रशासनिक कार्यों को बेहतर बनाने से जुड़े अनुभवों को साझा करने का एक नया प्रयास है। नड्डा ने यह भी कहा कि नए एम्स संस्थान क्षेत्रीय स्तर पर शोध, नैतिक क्लिनिकल ट्रायल और चिकित्सा नवाचार में अहम योगदान दे रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि डिजिटल शिक्षा, अत्याधुनिक सिमुलेशन प्रयोगशालाएं और संरचित मार्गदर्शन कार्यक्रमों के माध्यम से चिकित्सा शिक्षा में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, ई-गवर्नेंस, पारदर्शी प्रशासन और जन औषधि केंद्र, डिजिटल पंजीकरण प्रणाली जैसे मरीजों की सुविधा के लिए किए जा रहे कार्य यह दिखाते हैं कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में दक्षता और संवेदना दोनों एक साथ संभव हैं।

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