अडानी-सहारा केस में कोर्ट की सुनवाई टली, SG की बात पर हंसी से गूंज उठा कोर्टरूम

सहारा ने महाराष्ट्र स्थित एम्बी वैली प्रोजेक्ट, लखनऊ स्थित सहारा शहर सहित कई संपत्तियों को बेचने की अनुमति मांगी थी, ताकि देनदारियों का निपटारा किया जा सके।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-11-17 16:51 GMT

अडानी-सहारा केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई छह सप्ताह के लिए टाल दी गई है। सहारा समूह ने अपनी 88 संपत्तियों को अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को बेचने की अनुमति मांगी थी, जिसमें महाराष्ट्र की एम्बी वैली और लखनऊ का सहारा शहर भी शामिल है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। जैसे ही उन्होंने कहा कि क्या सुनवाई चार हफ्ते बाद रखी जा सकती है, बेंच के तीनों जज हंस पड़े। इसका कारण यह था कि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई 23 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा कि ऐसा लगता है CJI अपने बाईं ओर की तरफ इशारा कर रहे हैं।

कोर्ट ने केंद्र सरकार, सेबी और अन्य हितधारकों से भी जवाब मांगा है। न्यायमित्र शेखर नफड़े ने बताया कि उन्हें सहारा की संपत्तियों पर 34 दावे मिले हैं जिनकी जानकारी कंपनी ने पहले नहीं दी थी। उन्होंने सुझाव दिया कि सहारा सभी संपत्तियों का विवरण एक वेबसाइट पर सार्वजनिक करे, लेकिन अदालत ने इस पर कोई आदेश जारी नहीं किया। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि कुछ दस्तावेज़ जाली हैं और कई संपत्तियों पर विवाद है।

अदालत ने सहारा को अपने कर्मचारियों के लंबित वेतन दावों की जांच करने का निर्देश दिया है। सहारा का कहना है कि सेबी कुर्क की गई संपत्तियों की नीलामी नहीं कर पाया है और संस्थापक सुब्रत रॉय के निधन के बाद प्रबंधन और भी कठिन हो गया है। अडानी के साथ संपत्तियों की बिक्री की जो टर्म शीट बनी है, वह अदालत की मंजूरी पर निर्भर है। यह मामला लंबे समय से चल रहे सेबी-सहारा विवाद से जुड़ा है, जिसमें सहारा को 24,000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया था। सेबी का दावा है कि अभी भी 9,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। अगली सुनवाई में संपत्तियों की बिक्री और कानूनी प्रक्रियाओं पर अधिक स्पष्टता मिलने की उम्मीद है।

Tags:    

Similar News