अगर आपको भी नौकरी नहीं मिल रही तो एक बार 'नौकरी वाली माता' के दर्शन जरूर करें, जानें मां के रहस्य के बारे में...

मां रोजगार और सफलता की अधिष्ठात्री देवी हैं।;

By :  Aryan
Update: 2025-11-11 02:30 GMT

राजस्थान में नौकरी वाली माता या नोकरी वाली माता एक लोकदेवी के रूप में जानी जाती हैं। जिन्हें लोग रोजगार, नौकरी और जीविका से जुड़ी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पूजते हैं। यह देवी विशेष रूप से उन लोगों की आराध्य हैं जो सरकारी नौकरी, व्यवसाय में स्थिरता या रोजगार में उन्नति की इच्छा रखते हैं।

नौकरी वाली माता का परिचय

नौकरी वाली माता का चमत्कारी मंदिर जो कि राजस्थान के सीकर जिले के खटुन्दरा धाम में स्थित है। हालांकि, कुछ स्रोतों के अनुसार पास ही के गांव रामदेवरा या ओसियां क्षेत्र में भी इनका प्रसिद्ध स्थान माना जाता है। अलग-अलग जिलों में इनके छोटे-छोटे मंदिर और देवालय बने हुए हैं।

मां दुर्गा का स्वरूप

देवी को मां दुर्गा या मां शीतला के एक रूप में माना जाता है। यह मां रोजगार और सफलता की अधिष्ठात्री देवी हैं। लोक आस्था के अनुसार, जो व्यक्ति सच्चे मन से नौकरी वाली माता का व्रत और पूजन करता है, उसे रोजगार के अवसर, पदोन्नति या नौकरी में स्थिरता प्राप्त होती है।

पूजा विधि

1. वार और दिन

प्रायः मंगलवार या शुक्रवार के दिन माता का विशेष पूजन किया जाता है। कई लोग नौकरी लगने तक प्रति मंगलवार व्रत रखते हैं।

2. विधि

स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।  माता की मूर्ति या चित्र पर लाल चुनरी चढ़ाएं। दीपक जलाएं (घी या सरसों के तेल का)। गुड़, नारियल और चने का भोग लगाएं।

जय नौकरी वाली माता की जय कहते हुए 7 बार परिक्रमा करें। अंत में माता से अपनी इच्छा सच्चे मन से बताकर मांगे।

३.मंत्र या प्रार्थना

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं नमो देवी नौकरी प्रदायिनी नमः।

या जय माता दी, नौकरी वाली माता, कृपा कर दे रोजगार।

 विशेष मान्यता

ऐसा कहते हैं कि जिसकी नौकरी रुकी हो अथवा सरकारी परीक्षा में चयन नहीं हो रहा हो, माता से मनोकामना बतायें और पहला वेतन माता को प्रसादस्वरूप अर्पित करें, तो नौकरी स्थिर रहती है। बता दें कि कई लोग माता के मंदिर में चुनरी और नारियल चढ़ाकर अपनी मनोकामना पूर्ण होने का आभार प्रकट करते हैं।



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