संकटमोचन का लेटा हुआ अवतार देखना हो तो यहां जाएं, जानें हनुमान जी की चमत्कारी कथाओं के बारे में...
लेटा हनुमान जी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में स्थित एक अनोखा और प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां हनुमान जी की प्रतिमा लेटी हुई मुद्रा में स्थापित है, जो कि पूरे भारत में बहुत दुर्लभ है। मान्यताओं के अनुसार, लंका विजय के बाद थकान महसूस होने पर सीता माता के कहने पर हनुमान जी ने यहां विश्राम किया था, इसलिए उनकी लेटी हुई प्रतिमा यहां स्थापित है। यह मंदिर महाकुंभ और प्रयागराज का कोतवाल भी कहलाता है और यहां दर्शन के बाद ही संगम स्नान का पुण्य मिलता है।
मुख्य विशेषताएं
1. लेटी हुई प्रतिमा
यहां हनुमान जी लगभग 35 फीट लंबी लेटी हुई अवस्था में हैं। यह मुद्रा उस समय से जुड़ी मानी जाती है जब रावण के पुत्र मेघनाद से युद्ध में हनुमान जी घायल हुए थे और आराम कर रहे थे।
2. बाढ़ में हनुमान जी का जल स्पर्श
गंगा नदी मंदिर के बिल्कुल पास बहती है। हर साल जब गंगा में बाढ़ आती है, तो प्रतिमा तक पानी पहुंचता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी गंगा जी हनुमान जी के चरण धोती हैं, वह वर्ष शुभ माना जाता है।
3. स्थान
मंदिर प्रयागराज के दरागंज क्षेत्र में गंगा किनारे पर स्थित है। संगम से यह स्थान ज्यादा दूर नहीं है, इसलिए कुम्भ के समय यहां भारी भीड़ रहती है।
4. धार्मिक मान्यता
भक्त मानते हैं कि यहां आने से संकट दूर होते हैं। मंगलवार और शनिवार को विशेष भीड़ होती है।
5. ऐतिहासिक व आध्यात्मिक महत्व
कहा जाता है कि इस प्रतिमा की स्थापना कई सौ वर्ष पुरानी है। यह प्रयागराज की धार्मिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।