अगर आप शक्ति स्वरूपा दरभंगा के 'श्यामा माई' के दर्शन करना चाहते हैं तो जरूर जाएं, जानें मंदिर का इतिहास

By :  Aryan
Update: 2025-11-06 02:30 GMT

आपने अब तक बहुत सी देवियों के दर्शन किए होंगे, लेकिन श्मशान में चिता की भूमि पर बने मंदिर एवं उसमें विराजमान मां काली के अद्भुत स्वरूप का दर्शन करना चाहते हैं तो  एक बार दरभंगा के माधेश्वर मंदिर परिसर में स्थित मां श्यामा मंदिर में जाकर माथा टेके।

माता के अलौकिक स्वरूप होंगे के दर्शन

यहां आपको माता के दिव्य और अलौकिक स्वरूप के दर्शन होंगे। इतना ही नहीं हरे-भरे पेड़ों के बीच तालाब में नौकायन का आनंद भी ले सकते हैं। जानकारी के अनुसार, श्यामा माई का मंदिर श्मशान घाट में महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता भूमि पर बनाया गया है। मंदिर के गर्भगृह में मां काली की भव्य प्रतिमा स्थापित है। बता दें कि यह प्रतिमा एक ही पत्थर को तराश कर बनाई गई है।

इतिहास एवं विशेषताएं

इस मंदिर को वर्ष 1933 में बनाया गया था और कहा जाता है कि यह उस क्षेत्र में स्थित है जहां पूर्व में राजा की चिता थी।

यहां देवी मां-शक्ति के रूप में काली माता  की पूजा होती है, जो कि श्यामा माई के नाम से विख्यात हैं। मंदिर में वैदिक और तांत्रिक दोनों प्रकार के पूजापाठ होते हैं।

 धार्मिक महत्व

ऐसा कहते हैं  कि इस मंदिर में मां काली की कृपा जल्दी मिलती है, खासकर उन लोगों को जो भक्ति-भाव से पूजा करते हैं।

शुभ कार्य के लिए पवित्र स्थल

पारंपरिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्मशान भूमि पर शुभ कर्म (जैसे विवाह) नहीं होते। लेकिन इस मंदिर में चिता स्थल पर शुभ कर्म भी किए जाते हैं। यहां का वातावरण और परिसर काफी शांत एवं भक्तिमय माना जाता है, खासकर तंत्रिक माहौल के कारण।

मनोकामना पूर्ति के लिए खास

पूजा के समय, और विशेष रूप से नव-विवाहित या किसी विशेष मनोकामना के लिए जाने वाले भक्त यह मंदिर खास है।

मंदिर परिसर में अपेक्षाकृत अधिक श्रद्धालु होते हैं, इसलिए समय देखकर जाएं।

चिता स्थल होने की वजह से शांति छाई रहती है

चिता स्थल होने के कारण माहौल थोड़ा अलग अनुभव दे सकता है, यहां अलग तरह की शांति छाई रहती है।


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