IndiGO: इंडिगो के निरस्त विमानों का रिफंड शुरू: मिलेगा बोनस कूपन भी, ऑनलाइन आवेदन सुविधा उपलब्ध...
किसी तरह की कठिनाई होने पर यात्री ट्रेवेल एजेंटों की मदद से भी रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं।;
नई दिल्ली। इंडिगो के रद्द हुए विमानों के लिए टिकट रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो गई है। रिफंड के साथ यात्रियों को बोनस कूपन भी दिया जाएगा। इसके लिए यात्री www.goindigo.in पर आवेदन कर सकते हैं। लेकिन इसमें यात्रियों को पीएनआर व लास्ट का नाम डालना होगा। इसके बाद रिफंड की स्थिति यात्री आधाकारिक वेबसाइट पर जांच सकते हैं। इसके अलावा 0124-6173838 व 0124-4973838 हेल्पलाइन नंबर व सोशल मीडिया इंडिगो के एकाउंट पर @Indigo6E पर भी संपर्क कर सकते हैं। इतना ही नहीं किसी तरह की कठिनाई होने पर यात्री ट्रेवेल एजेंटों की मदद से भी रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इंडिगो ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था
दरअसल इंडिगो एयरलाइन का संचालन करने वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था। इसके तहत विदेशों में मरम्मत के बाद भारत में पुनः आयात किए गए विमान इंजनों और पुर्जों पर खर्च किए गए 900 करोड़ रुपये से अधिक के सीमा शुल्क की वापसी की मांग की। बता दें कि यह याचिका जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस शैल जैन की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई। हालांकि, जस्टिस जैन ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया क्योंकि उनका बेटा इंडिगो में पायलट है।
पुनः आयात पर सीमा शुल्क लगाना असांविधानिक है
इंडिगो ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि इस तरह पुनः आयात पर सीमा शुल्क लगाना असांविधानिक है। वहीं, कंपनी के वकील ने बताया कि मरम्मत के बाद विमान इंजनों और पुर्जों के पुनः आयात के समय उसने बिना किसी विवाद के मूल सीमा शुल्क का भुगतान किया था। कंपनी ने कहा कि मरम्मत एक सेवा के अंतर्गत आती है, इसलिए इस पर रिवर्स चार्ज के आधार पर वस्तु एवं सेवा कर का भुगतान भी हो गया था।
एयरलाइन ने कोर्ट के फैसले को रखा
वकील ने बताया कि सीमा शुल्क अधिकारियों ने उसी लेन-देन को माल के आयात के रूप में मानकर दोबारा सीमा शुल्क लगाने पर जोर दिया। एयरलाइन ने दावा किया कि यह मामला पहले ही सीमा शुल्क कोर्ट की ओर से सुलझाया जा चुका है, जिसने यह फैसला सुनाया था कि मरम्मत के बाद पुनः आयात पर दोबारा सीमा शुल्क नहीं लगाया जा सकता। एयरलाइन ने कहा कि छूट अधिसूचना में बाद में संशोधन किया गया था, लेकिन कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि यह संशोधन केवल भविष्य में लागू होगा। एयरलाइन ने कहा कि उसने 4,000 से अधिक बिल ऑफ एंट्री के लिए 900 करोड़ रुपये से अधिक का शुल्क विरोध जताते हुए अदा किया।