इस मंदिर में रखा है भगवान कृष्ण का हृदय, जानें मंदिर से जुड़े कुछ अहम रहस्य

Update: 2025-08-22 02:30 GMT

पुरी। जगन्नाथ पुरी मंदिर, जिसे श्रीमंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के ओडिशा राज्य के पुरी शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह भगवान जगन्नाथ (भगवान कृष्ण) को समर्पित है और इसे चार धामों में से एक माना जाता है। मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला, वार्षिक रथ यात्रा उत्सव और कई रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है।

रथ यात्रा- जगन्नाथ मंदिर का वार्षिक रथ यात्रा उत्सव दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस उत्सव में, देवताओं को तीन अलग-अलग रथों में विराजमान करके नगर में घुमाया जाता है।

वास्तुकला- मंदिर की वास्तुकला कलिंग शैली में है, जिसमें घुमावदार मीनारें और जटिल नक्काशी शामिल हैं।

केवल हिंदुओं के लिए- मंदिर में केवल हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति है।

रहस्य- मंदिर के शिखर पर लगा झंडा हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है, जो एक रहस्य बना हुआ है।

मंदिर से जुड़े 5 मुख्य रहस्य

1. मंदिर में है भगवान का हृदय

माना जाता जाता है भगवान श्री कृष्ण ने अपने देह का त्याग इसी मंदिर में किया था और शरीर के एक हिस्से को छोड़ उनकी पूरी देह पांच तत्वों में विलीन हो गई थी। ये हिस्सा उनका हृदय था। माना जाता है मंदिर में रखे श्री कृष्ण के लकड़ी के देह में आज भी वो हृदय धड़क रहा है।

2. समुद्र की लहरों की आती है आवाजें

मंदिर में जाने वाले भक्तों का कहना है कि मंदिर के सिंहद्वार में जाने पर जबतक अंदर कदम नहीं जाते, तो समुद्र की लहरों की आवाजें आती हैं, लेकिन जैसे ही कदम सिंहद्वार में पड़ते हैं, वैसे ही लहरों की आवाजें आनी बंद हो जाती हैं।

3. 18 साल के लिए बंद हो जाएगा मंदिर

जगन्नाथ मंदिर के शीर्ष पर जो झंडा लगा है कहते हैं वो झंडा हवा के विपरीत दिशा में उड़ता है। मान्यता है मंदिर का झंडा रोज बदल जाता है और अगर किसी दिन झंडा नहीं बदला गया, तो मंदिर 18 साल के लिए बंद कर दिया जाएगा। माना जाता है पुराना झंडा बुरी ऊर्जा को खींचता है, इसलिए उसे हटा दिया जाता है।

4. मंदिर की रसोई का रहस्य

मंदिर की रसोई से भी एक हैरान कर देने वाला रहस्य जुड़ा है। जगन्नाथ मंदिर में जो भी प्रसाद बनता है, वो सात मिट्टी के बर्तनों में भी बनाया जाता है और सातों बर्तनों को एक के ऊपर एक रखते हैं। हैरानी की बात ये है, सबसे पहले प्रसाद सातवें बर्तन में तैयार होता है और उसके बाद छठे, पांचवे, चौथे, तीसरे, दूसरे और फिर पहले में प्रसाद बनकर तैयार होता है।

5. चक्र की छाया है अदृश्य

जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र लगा हुआ है। जिसके बारे में कहते हैं कि उसे किसी भी दिशा से खड़े होकर देख सकते हैं, पर ऐसा लगता है चक्र का मुंह आपकी तरफ है। इसी तरह एक और रहस्य ये है मंदिर के शिखर की छाया हमेशा अदृश्य ही रहती है, उसे जमीन पर कोई नहीं देख पाता।

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