जुबिन गर्ग मौत मामले में नया मोड़: साथी ने लगाया साजिश और जहर देने का आरोप
उनकी बैंड टीम के एक सदस्य ने दावा किया है कि गर्ग की मौत सामान्य नहीं थी, बल्कि इसमें साजिश और ज़हर देने की बात छिपी हुई है।;
असम के लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग की मौत मामले में अब बड़ा मोड़ सामने आया है। उनकी बैंड टीम के एक सदस्य ने दावा किया है कि गर्ग की मौत सामान्य नहीं थी, बल्कि इसमें साजिश और ज़हर देने की बात छिपी हुई है।
सीएनएन-न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस पूरे मामले में मुख्य गवाह और बैंड सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी ने विशेष जांच दल (SIT) के सामने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि गर्ग की मौत को दुर्घटना साबित करने के लिए विदेश (सिंगापुर) का चुनाव किया गया और असली कारण को छिपाने की कोशिश की गई।
गोस्वामी का बड़ा आरोप
गोस्वामी ने SIT को दिए बयान में कहा कि सिद्धार्थ शर्मा और श्यामकानु महंत नाम के दो व्यक्तियों ने गर्ग को जहर दिया। उनका दावा है कि सिंगापुर यात्रा के दौरान शर्मा संदिग्ध गतिविधियों में शामिल थे और यहां तक कि उन्होंने यॉट पर कब्जा कर यात्रियों को खतरे में डाल दिया।
गोस्वामी का कहना है कि जब गर्ग समंदर में संकट में थे और उनके मुँह व नाक से झाग निकल रहा था, तब शर्मा "जाबो दे, जाबो दे" (उसे जाने दो) चिल्ला रहे थे।
मौत पर पर्दा डालने का आरोप
गोस्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि गर्ग के गंभीर लक्षणों को देखते हुए भी शर्मा ने चिकित्सकीय मदद लेने की कोशिश नहीं की और इसे सिर्फ एसिड रिफ्लक्स समझकर नजरअंदाज कर दिया। उनकी माने तो यही लापरवाही गर्ग की मौत का कारण बनी।
उन्होंने यह भी बताया कि शर्मा ने टीम को नौका दुर्घटना का वीडियो साझा करने से रोक दिया और गर्ग के लिए की गई ड्रिंक्स की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हुए। गवाह के मुताबिक, शर्मा ने आदेश दिया था कि केवल वही पेय की व्यवस्था करेंगे।
जुबिन गर्ग एक अच्छे तैराक थे
गोस्वामी ने कहा कि जुबिन गर्ग एक कुशल तैराक थे, इसलिए उनकी मौत स्वाभाविक रूप से डूबने से नहीं हो सकती। उन्होंने दावा किया कि यह पूरी घटना सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी।
कब और कैसे हुई मौत?
19 सितंबर को जुबिन गर्ग सिंगापुर के पैन पैसिफिक होटल पहुंचे थे। वे नार्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल (NEIF) में हिस्सा लेने आए थे, जो भारत-सिंगापुर राजनयिक संबंधों के 60 साल और भारत-आसियान पर्यटन वर्ष के जश्न का हिस्सा था।
लेकिन फेस्टिवल शुरू होने से पहले ही, उनकी समंदर में डूबकर मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि उनकी मृत्यु तैरते समय डूबने से हुई, लेकिन अब सामने आए आरोपों ने इस केस को और उलझा दिया है।
जांच की दिशा
SIT ने हाल ही में नार्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल आयोजन टीम के तीन सदस्यों से पूछताछ की, जिनमें गोस्वामी भी शामिल थे। अदालत ने इन्हें 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
अब सवाल यह है कि क्या जुबिन गर्ग की मौत सचमुच हादसा थी या एक सोची-समझी साजिश? जांच के नतीजे का इंतजार पूरे देश को है।