हर्षल घाटी में बादल फटने से आई तबाही के दूसरे दिन प्रशासन व्यवस्था बनाने में जुटा
जिस जगह पर खतरा है वहां के लोगों को प्रशासन ने कैंप में जाने की अपील की है;
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के हर्षल घाटी में बादल फटने से आई तबाही के दूसरे दिन प्रशासन व्यवस्था बनाने में जुट गया है। जानकारी के अनुसार हर्षिल घाटी में तीन जगह बादल फटने के बाद धराली व हर्षिल से भयावह तबाही मची थी। हर्षिल व धराली के बीच अस्थाई झील बन गई है, जिससे भागीरथी नदी का प्रवाह थम सा गया है। इससे पहले यमुनाघाटी के सिलाई बैंड क्षेत्र में बादल फटने सहित कुपड़ा गाड अतिवृष्टि के कारण उफान पर आ गई आई थी।
खतरे वाले स्थानों पर रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील
बादल फटने सहयाताबही के बाद अभी नदी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। इसे लेकर पुलिस प्रशासन ने भी नदी के आसपास खतरे वाले स्थानों पर रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। नदी व नालों में बादल फटने के बाद बड़ी मात्रा में आने वाले मलबे से नदियों का प्रवाह अवरुद्ध होने का खतरा होता है।
कुपड़ा गाड में आए मलबे के चलते यमुना नदी का प्रवाह अवरुद्ध होने से स्यानाचट्टी में झील बन गई थी, जिसके चलते कई होटल व आवासीय भवनों की निचली मंजिल में पानी घुस गया था। वर्तमान में वहां पर नदी के चैनलाइजेशन का काम चल रहा है।
उत्तरकाशी में ढाई घंटे के अंतराल में तीन बादल फटे
हर्षिल का हेलीपैड में भी मलबे व पानी से जलमग्न हो चुका है। वहीं, नदी का जलस्तर बढ़ने से लगातार निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार के अनुसार, मंगलवार को उत्तरकाशी में ढाई घंटे के अंतराल में तीन बादल फटने की घटनाएं हुई, इसके चलते जहां धराली में भारी नुकसान हुआ। हर्षिल व गंगनानी के मध्य निकट सुक्की टाप व आर्मी कैंप हर्षिल में भी आपदा जैसे हालात उत्पन्न हो गए। पहली घटना दोपहर एक बजे घटी, जिसके चलते खीरगंगा नदी में मलबा व पानी के साथ बाढ़ आ गई।