ओवैसी के ‘4 का बदला 24’ वाले बयान का असर; सीमांचल में RJD को बड़ा झटका, तेजस्वी की सीटें घटीं

चुनाव प्रचार के दौरान ओवैसी ने खुलकर कहा था— “4 का बदला 24 सीटों पर लेंगे”, और नतीजों ने दिखा दिया कि उनकी बात सिर्फ बयान नहीं, चुनावी रणनीति का हिस्सा थी।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-11-14 19:30 GMT

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में इस बार सीमांचल से लेकर पूरे राज्य में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। तीन साल पहले AIMIM के पांच में से चार विधायकों को RJD में शामिल कराने वाले तेजस्वी यादव को इस चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। चुनाव प्रचार के दौरान ओवैसी ने खुलकर कहा था— “4 का बदला 24 सीटों पर लेंगे”, और नतीजों ने दिखा दिया कि उनकी बात सिर्फ बयान नहीं, चुनावी रणनीति का हिस्सा थी।

AIMIM ने इस बार पशुपति पारस, स्वामी प्रसाद मौर्य और चंद्रशेखर आजाद के साथ गठबंधन में 25 उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से पांच उम्मीदवारों ने किशनगंज, अररिया और पूर्णिया में जीत हासिल की है। ये वही पांच सीटें हैं, जिन्हें पार्टी ने 2020 में भी जीता था। खास बात यह है कि जिन चार विधायकों को RJD में लाया गया था, उनमें से तीन को टिकट भी नहीं मिला और चौथा उम्मीदवार अपनी सीट पर तीसरे नंबर पर रहा।

ओवैसी की ‘सीमांचल की 24 सीट’ वाली रणनीति का असर उन दूसरी सीटों पर भी देखा गया जहां AIMIM चुनाव नहीं जीत सकी, लेकिन मुकाबले में मजबूत रही। कई सीटों पर उनके उम्मीदवार कभी दूसरे तो कभी तीसरे स्थान पर दिखाई दिए। वोटों की गिनती के दौरान कई बार उन्होंने बढ़त भी बनाई।

महागठबंधन द्वारा तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम उम्मीदवार घोषित करने के बाद AIMIM ने अल्पसंख्यक समुदाय की भावनाओं पर चोट करते हुए कहा था— “कब तक दरी बिछाते रहेंगे?” इस भावनात्मक अपील ने सीमांचल में AIMIM को बड़ा समर्थन दिलाया। वहीं NDA के नेताओं ने भी मुस्लिम डिप्टी सीएम नहीं होने का मुद्दा उठाकर अल्पसंख्यक वोटरों में असंतोष बढ़ाया।

चुनावी नतीजे बताते हैं कि यादव और मुस्लिम वोट शेयर में इस बार बिखराव हुआ है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन मुश्किल से 35 सीटों के आसपास संघर्ष करता दिख रहा है, जबकि RJD लगभग 25 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। कांग्रेस को मिली 6 सीटों में से 4 सीमांचल और 2 चंपारण क्षेत्र की हैं। तेजस्वी यादव खुद राघोपुर से बेहद कठिन मुकाबले में जीत पाए हैं।

AIMIM ने 25 सीटों पर चुनाव लड़कर लगभग 2% वोट शेयर हासिल किया है, जो बिहार की राजनीति में उनकी बढ़ती पकड़ का संकेत है। सीमांचल से दूर वैशाली की महुआ सीट पर भी AIMIM उम्मीदवार बच्चा राय ने 15,000 से ज्यादा वोट पाकर चौथा स्थान हासिल किया, जिससे साफ है कि ओवैसी की पैठ अब सीमांचल से बाहर भी फैलने लगी है।

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