राजा रघुवंशी हत्याकांड! राजा की हत्या के बाद बुर्का पहनकर भागी थी सोनम, पहले भी की थी राजा को मारने की कोशिश
बता दें कि दोपहर 2:00 बजे से 2:18 बजे के बीच तीनों ने राजा पर हमला करके उसकी हत्या कर दी थी।;
इंदौर। राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में मेघालय पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। ऐसे में अब एक और खुलासा करते हुए पुलिस ने कहा है कि हत्या के बाद सोनम बुर्का पहनकर मेघालय से भाग गई थी। जहां वह टैक्सी, बस और ट्रेन से मध्यप्रदेश के इंदौर पहुंची। हत्या की योजना फरवरी में ही बननी शुरू हो गई थी। साजिश को अंतिम रूप इंदौर में शादी से ठीक पहले दिया गया, जिसमें सोनम भी शामिल थी। पुलिस ने राज कुशवाहा के तीन दोस्तों विशाल, आकाश और आनंद को भी गिरफ्तार किया है।
19 मई को असम में राजा को मारने की थी कोशिश
आरोपियों ने 19 मई को असम में राजा को मारने की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। इसके बाद सोनम ने शिलॉन्ग और सोहरा जाने का सुझाव दिया। जिसके बाद शिलॉन्ग में राजा की हत्या को अंजाम दिया। पुलिस के अनुसार सोनम 26 मई से आठ जून तक इंदौर में रही है।
बुर्का पहनकर भागी थी सोनम
सोनम की फरारी की कहानी भी काफी दिलचस्प है। राज ने अपने दोस्त विशाल को एक बुर्का दिया, जिसे सोनम ने पहना। वह पुलिस बाजार से टैक्सी लेकर गुवाहाटी गई। फिर बस से सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल), फिर पटना और आरा, फिर ट्रेन से लखनऊ और वहां से बस से इंदौर पहुंची।
सुपारी किलर नहीं थे अपराधी
पुलिस की जानकारी के अनुसार, ये सुपारी किलर नहीं थे, बल्कि राज के दोस्त थे और दोस्ती के लिए हत्या करने को तैयार हो गए थे। राजा को मारने के बाद, आरोपियों ने एक और महिला की हत्या करके उसे सोनम के रूप में पेश करने की योजना बनाई थी। हालांकि, पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
18 मिनट में ही हत्या को दिया था अंजाम
बता दें कि दोपहर 2:00 बजे से 2:18 बजे के बीच तीनों ने राजा पर हमला करके उसकी हत्या कर दी थी। फिर लाश को खाई में फेंक दिया गया। हत्या के बाद सोनम ने अपना रेनकोट आकाश को दिया, क्योंकि उसकी शर्ट पर खून के धब्बे थे। बाद में उस रेनकोट और टू-व्हीलर को घटनास्थल से कुछ दूरी पर छोड़ दिया गया। पुलिस ने सोनम के 'लापता' होने के दौरान इसे बरामद किया था।
गाइड की बात से हुआ था खुलासा
जानकारी के मुताबिक पूरा मामला तब खुला जब मेघालय मीडिया ने एक गाइड से बात की। उस गाइड ने राजा और सोनम को तीन अन्य लोगों के साथ देखा था। राज ने सोनम से कहा था कि वह सिलीगुड़ी जाकर खुद को अगवा बताकर पेश करे। लेकिन 8 जून को सोनम जब इंदौर से निकली, तभी मेघालय पुलिस की दो टीमें यूपी और मध्यप्रदेश पहुंच चुकी थीं। बता दें कि पहली गिरफ्तारी (आकाश) हुई, तब राज घबरा गया।
उसने सोनम से कहा कि वह अपने परिवार को फोन कर दे और कहे कि वह किसी गैंग से बचकर निकली है। यहीं से यह पूरा मामला उजागर हुआ और सोनम गाजीपुर में पुलिस के सामने आई। सोनम और राज को लगा था कि राजा की लाश जल्दी नहीं मिलेगी क्योंकि जगह बहुत दुर्गम थी और जांच में महीने भर का वक्त लग सकता था। इसी वजह से सोनम खुद को अगवा दिखाकर सहानुभूति पाना चाहती थी।