Parliament: संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने 30 नवंबर को दिया सर्वदलीय बैठक का प्रस्ताव
सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी के अनुसार और सेक्शन 34 में संशोधन की मांग को देखते हुए नया प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।;
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद शीतकालीन सत्र को सही से चलाने के लिए सभी विपक्षी दलों को बातचीत के लिए एकजुट करने की कोशिश शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने 30 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। केंद्र सरकार बैठक में शीत सत्र की कार्यवाही को सुचारु रुप से चलाने को लेकर सहमति बनाने की कोशिश करेगी।
परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनिया खोलने के लिए का रास्ता बनाएगा
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। इसे लेकर सरकार इस बार 10 नए विधेयक पेश करने की तैयारी में है। इनमें सबसे खास है 'परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025', जो कि देश के नागरिक परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियां खोलने के लिए रास्ता बनाएगा। अब तक यह क्षेत्र पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में रहा है। सरकार के अनुसार, यह नया कानून परमाणु ऊर्जा के उपयोग और उसके नियमन से जुड़े ढांचे को आधुनिक और प्रभावी बनाएगा। इससे देश में ऊर्जा उत्पादन और तकनीकी विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है।
हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल का प्रस्ताव
सत्र के एजेंडे में हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल भी शामिल है। जानकारी के मुताबिक, यह बिल ऐसे आयोग की स्थापना करेगा, जो कि विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को अधिक स्वायत्तता दे। उन्हें स्वतंत्र और स्वयं-शासित संस्थान बनने में मदद करते हुए और मान्यता की प्रक्रिया को पारदर्शी बना सके। यह प्रस्ताव लंबे वक्त से सरकार की योजना में शामिल है।
सड़कों, कंपनियों और बाजार से जुड़े अहम बिल भी शामिल
सरकार कुछ पुराने कानूनों को भी आसान और आधुनिक बनाने की दिशा में कदम उठाने जा रही है। इसमें कई अहम बिल शामिल हैं।
1. नेशनल हाईवेज (संसोधन) बिल- राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए जमीन अधिग्रहण को तेज, पारदर्शी और सरल बनाने का लक्ष्य।
2. कॉरपोरेट लॉज (संसोधन) बिल, 2025- कंपनियों अधिनियम 2013 और एलएलपी एक्ट 2008 में बदलाव के जरिए 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा देना।
3. सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड (एसएमसी) बिल, 2025- सेबी अधिनियम, डिपॉजिटरी अधिनियम और प्रतिभूति अनुबंध विनियमन अधिनियम- इन तीन पुराने कानूनों को समेटकर एक ही 'सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड' बनाने का प्रस्ताव। इससे बाजार से जुड़े नियम सरल और एक समान होंगे।
सुलह अधिनियम में भी होगा संशोधन का प्रस्ताव
बता दें कि सरकार मध्यस्थता और सुलह अधिनियम में भी बदलाव लाने पर विचार कर रही है। पूरी तरह से स्पष्टता के लिए एक समिति को इसकी समीक्षा का काम दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी के अनुसार और सेक्शन 34 में संशोधन की मांग को देखते हुए नया प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।