Russia -Ukraine War: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, ये युग युद्ध का नहीं है! धार्मिक भेदभाव और नफरत मुक्त दुनिया को देना होगा बढ़ावा...
भारत की ओर से युद्ध के मैदान में किसी भी समाधान की संभावना को नकारते हुए बातचीत और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।;
नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर से दुनिया को संदेश दिया है कि शांति ही एकमात्र उपाय है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने कहा, भारत यूक्रेन की स्थिति को लेकर चिंतित है। हमारा मानना है कि निर्दोष लोगों की जान नहीं जानी चाहिए। युद्ध के मैदान में इसका कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता। भारत ने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से युद्ध को खत्म करने की पहल करने को कहा है।
यह युद्ध का युग नहीं है
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी के ऐतिहासिक बयान- यह युद्ध का युग नहीं है को दोहराया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों के प्रति समर्थन दिया है। भारत की ओर से युद्ध के मैदान में किसी भी समाधान की संभावना को नकारते हुए बातचीत और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
कूटनीति और बातचीत से ही जंग खत्म हो सकता
भारत की नजर में निर्दोष लोगों की जान बचाना सबसे पहली प्राथमिकता है। भारत ने इस बात पर हमेशा जोर दिया है कि कूटनीति और बातचीत से ही ये जंग खत्म हो सकता है, चाहे यह कितना भी कठिन क्यों न हो। इस स्थायी शांति के लिए दोनों देशों की भागीदारी जरूरी है।
भारत की ओर से पार्वथानेनी हरीश ने अलास्का समिट की सराहना
भारत इस दिशा में हाल के सकारात्मक घटनाक्रमों का स्वागत करता है। हमने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई समिट का समर्थन किया है। पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि हम अलास्का समिट में हुई प्रगति की सराहना करते हैं। हम वाशिंगटन डीसी में यूक्रेनी राष्ट्रपति एवं यूरोपीय नेताओं के साथ ट्रंप के कूटनीतिक प्रयासों की भी सराहना करते हैं।
तेल की कीमतों का उठाया मुद्दा
पार्वथानेनी हरीश ने आगे कहा कि भारत सभी कूटनीतिक प्रयास जंग खत्म करने और स्थायी शांति की संभावनाएं खोलने में सक्षम हैं। लेकिन इस संघर्ष के दौरान दुनियाभर में ईंधन की कीमतें प्रभावित हुई हैं, खासकर ग्लोबल साउथ के देश ज्यादा प्रभावित हुए हैं। यूक्रेन संघर्ष के प्रति भारत का नजरिया लोगों पर ध्यान केंद्रित करता है। हम यूक्रेन को मानवीय सहायता और ग्लोबल साउथ में साझेदारों को आर्थिक सहायता दे रहे हैं। इनमें आर्थिक संकट से जूझ रहे हमारे कुछ पड़ोसी देश भी शामिल हैं।