ITBP- NDRF को सलाम! किन्नर कैलाश यात्रा में फंसे 413 श्रद्धालुओं की बचाई जान, जानें खाई को पार करने के लिए कैसे बनाया रस्सियों का पुल
टंगलिंग में बाढ़ का पानी इतना तेज था कि वाहन का उपयोग करना असंभव था;
शिमला। हिमाचल प्रदेश में किन्नर कैलाश की यात्रा पर गए हुए सैकड़ों श्रद्धालुओं पर बाढ़ ने कहर ढा दिया है। सैलाब के बाद टंगलिंग में फंसे हुए 413 श्रद्धालुओं को बचाने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की 17वीं बटालियन फरिश्ता बनकर सामने आई।
ट्रैवर्स क्रॉसिंग तकनीक के इस्तेमाल से श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया
रस्सी के ऊपर ट्रैवर्स क्रॉसिंग तकनीक का इस्तेमाल करके जवानों ने सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस ऑपरेशन को ITBP और NDRF की टीम ने मिल के अंजाम दिया। किन्नर कैलाश की यात्रा काफी कठिन मानी जाती है। अचानक आई इस आपदा ने तीर्थयात्रियों को सकते में डाल दिया था। टंगलिंग में बाढ़ का पानी इतना तेज था कि वाहन का उपयोग करना असंभव था। जवानों ने विपरीत परिस्थितियों में तुरंत बचाव का अभियान शुरू किया। NDRF के 14 जवान ITBP के जवानों के साथ मजबूती से ऑपरेशन में साथ रहे।
ट्रैवर्स क्रॉसिंग तकनीक जिंदगी बचाने के लिए उपयोग किया जाता है
खाई को पार करने के लिए रस्सियों का पुल बनाया जाता है। सबसे पहले नदी के दोनों किनारों पर मजबूत खंभे गाड़कर एक-दूसरे से जोड़ा जाता है। उसके बाद इन खंभों के सहारे मजबूत रस्सियों को तानकर एक अस्थायी पुल बनाया जाता है। ITBP के जवानों ने भी ट्रैवर्स क्रॉसिंग तकनीक का इस्तेमाल जिंदगी बचाने के लिए किया।
रेस्क्यू के बाद श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया दिया गया
रेस्क्यू के बाद श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया दिया गया। जानकारी के मुताबिक, श्रद्धालुओं को हल्की चोट लगी है। एक श्रद्धालु ने कहा हमें लगा कि अब हम नहीं बचेंगे, लेकिन ITBP के जवानों ने हमें जीवनदान दिया है।