Sindoor:सुहाग का प्रतीक! जानें एक चुटकी सिंदूर के फायदे और नुकसान

By :  Aryan
Update: 2025-05-15 02:30 GMT

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में हर विवाहित महिला अपनी मांग में पति के नाम का सिंदूर जरूरी लगाती है। ऐसी मान्यता है कि सुहागिन द्वारा मांग में सिंदूर भरने से उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहता है। सिंदूर की उत्पत्ति प्राचीन काल में सिनेबार नामक खनिज से हुई थी, जो पारा सल्फाइड का एक रूप है। यह रंगद्रव्य पाउडर खनिज सिनेबार को पीसकर बनाया जाता था। कुछ पारंपरिक सिंदूर हल्दी और फिटकरी या चूने से बनाए जाते थे, जो विषैले नहीं होते हैं।

सिंदूर के फायदे

आत्मविश्वास और सुरक्षा- सिंदूर लगाने से महिलाओं में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना बढ़ती है।

सकारात्मक ऊर्जा- सिंदूर लगाने से महिलाओं में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे मन शांत और प्रसन्न रहता है।

त्वचा की रक्षा- सिंदूर त्वचा को स्वस्थ और झुर्रियों से बचाता है।

धार्मिक मान्यता- सिंदूर को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

तनाव कम करना- सिंदूर हल्दी और चूने से बना होता है, जो तनाव को कम करने में मदद करता है।

ऊर्जावान बनाता है- चुटकी भर सिंदूर लगाने से महिलाएं ऊर्जावान महसूस करती हैं।

सिंदूर के नुकसान

त्वचा पर प्रतिक्रिया- केमिकल युक्त सिंदूर लगाने से त्वचा पर जलन, खुजली, लाल धब्बे और रैशेस जैसी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।

स्कैल्प इंफेक्शन- सिंदूर में मौजूद केमिकल स्कैल्प इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं, जिससे खुजली, पपड़ी और स्कैल्प एलर्जी हो सकती है।

बालों का झड़ना- नियमित रूप से केमिकल युक्त सिंदूर लगाने से बाल कमजोर हो सकते हैं और झड़ने लग सकते हैं।

बालों का सफेद होना- सिंदूर में मौजूद लेड ऑक्साइड बालों के जल्दी सफेद होने का कारण बन सकता है।

बालों का रूखापन और बेजान होना- सिंदूर में मौजूद सिंथेटिक डाई और सल्फेट बालों को रूखा और बेजान बना सकते हैं।

गंजापन- सिंदूर में मौजूद केमिकल बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और गंजापन का कारण बन सकते हैं।

विज्ञान की दृष्टि से फायदे

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का ब्रह्मरंद्र यानी मस्तिष्क का ऊपरी भाग बहुत ही संवेदनशील और कोमल होता है। यह वही स्थान हैं जहां महिलाएं सिंदूर लगाती हैं। सिंदूर में मौजूद तत्व इस स्थान से शरीर में मौजूद विद्युत ऊर्जा को नियंत्रित करती है। इससे बाहरी दुष्प्रभाव से भी बचाव होता है। सिंदूर में पारा धातु की अधिकता होती है जिससे चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती हैं। इससे महिलाओं की बढ़ती उम्र के संकेत नजर नहीं आते हैं।

धार्मिक मान्यता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है यह पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि सिंदूर लगाने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास बढ़ता है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि सिंदूर लगाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

कैसे बचें सिंदूर के साइड इफेक्ट से

- सबसे पहले, खुला और सस्ता सिंदूर न खरीदें।

- लिक्विड सिंदूर हमेशा ब्रांड देखकर लें।

- सूखा सिंदूर हर्बल वाला लें तो अच्छा रहेगा।

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