बांग्लादेश के अगले पीएम के मजबूत दावेदार हो सकते हैं तारिक रहमान, थोड़ी देर में तारिक का भाषण बताएगा बहुत कुछ...

तारिक रहमान को 2007-2008 के दौरान सेना समर्थित कार्यवाहक सरकार के दौरान गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 18 माह जेल में बीताना पड़ा था। ऐसे में उनका बांग्लादेश लौटना मुश्किल हो गया।;

Update: 2025-12-25 07:25 GMT

नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान 17 साल बाद देश लौट आए हैं। ढाका एयरपोर्ट के पास बीएनपी के लाखों समर्थकों ने तारिक रहमान का जोरदार स्‍वागत किया। दरअसल तारिक रहमान गिरफ्तारी से बचने के लिए 2008 में लंदन भाग गए थे। उस वक्त हसीना सरकार में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले चल रहे थे। वहीं, बांग्लादेश में अगले साल 12 फरवरी को आम चुनाव होने वाला है। शेख हसीना के देश से बाहर होने की स्थिति में आगामी चुनाव में बीएनपी और तारिक रहमान को सबसे प्रमुख चेहरा माना जा रहा है। वह फिलहाल बांग्लादेश के अगले पीएम के तौर पर सबसे मजबूत दावेदार हो सकते हैं।

BNP की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया से मुलाकात की

ढाका पहुंचने के बाद तारिक रहमान ने अपनी मां बेगम खालिदा जिया से मुलाकात की। दरअसल BNP की अध्यक्ष खालिदा जिया की उम्र 80 साल हो चुकी है और बहुत बीमार चल रही हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि रहमान अगले PM के दावेदार हो सकते हैं।

2008 में गए थे लंदन

बता दें कि तारिक रहमान को 2007-2008 के दौरान सेना समर्थित कार्यवाहक सरकार के दौरान गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 18 माह जेल में बीताना पड़ा था। ऐसे में उनका बांग्लादेश लौटना मुश्किल हो गया। अंतरिम सरकार के रिहा किए जाने के बाद वह उपचार के लिए लंदन चले गए और तब से वहीं रह रहे थे।

पीएम के बराबर सुरक्षा दी गई

खतरे को देखते हुए तारिक रहमान को पीएम के बराबर सुरक्षा दी गई है। बीएनपी नेता को बांग्‍लादेश की स्‍पेशल फोर्स के कमांडो अपने घेरे में लिए हुए हैं। बता दें आज कट्टरपंथी समाज में तारिक रहमान को उभरता दमदार नेता के रूप में देखा जा रहा है।

बांग्‍लादेश के अगले पीएम बन सकते हैं तारिक रहमान

अमेरिकी विश्‍लेषक माइकल कुगलमैन के अनुसार, तारिक रहमान बांग्‍लादेश के अगले पीएम बन सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि तारिक रहमान 17 साल बाद विदेश में निर्वासन से वापस लौटे हैं। तारिक रहमान की वापसी बांग्‍लादेश में पिछले कई सालों में सबसे बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में से एक है। कुगलमैन ने कहा कि यह तारिक रहमान के लिए परीक्षा की भी घड़ी है। वह किस तरह से अपने लोगों से फिर से जुड़ते हैं, यह देखना होगा।

तारिक रहमान की वापसी भारत के लिए खास

दरअसल इस समय बांग्लादेश राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। फरवरी में होने वाले चुनाव से पहले हालात तनावपूर्ण हैं। अवामी लीग, जिसे भारत के करीब माना जाता है, चुनाव नहीं लड़ रही है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के दौर में भारत से दूरी और पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ने के संकेत मिले हैं। कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी फिर से सक्रिय हुआ है, जिसे भारत पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ा मानता है। ऐसे में भारत का मानना है कि बीएनपी अपेक्षाकृत अधिक उदार और लोकतांत्रिक विकल्प हो सकती है। हालांकि, अतीत में भारत-बांग्लादेश संबंधों में खटास रही है।

गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीमार खालिदा जिया के प्रति चिंता जताई। बीएनपी ने इसके लिए आभार जताया था। वर्षों बाद दोनों पक्षों के बीच यह एक सकारात्मक संदेश माना गया।


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