ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच बढ़ रहा विवाद! जानें क्या वीजा इंटरव्यू पर रोक लगाने से भारतीय छात्रों पर पड़ेगा असर?

अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत समेत विदेशी छात्रों और एक्सचेंज विजिटर वीजा आवेदकों के लिए नए वीजा इंटरव्यू शेड्यूल करना अस्थायी रूप से रोक दिया है;

By :  Divyanshi
Update: 2025-05-28 06:52 GMT

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। इस विवाद का असर अब अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों पर भी पड़ने लगा है। दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के साथ चल रहे कई सरकारी अनुबंध को खत्म करने का आदेश दिया है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीजा इंटरव्यू पर भी रोक लगा दी गई है।

भारतीय छात्रों पर पड़ेगा असर

रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या पिछले कुछ साल में लगातार बढ़ रही है। फिलहाल अमेरिका में कुल 3.31 लाख भारतीय छात्र अध्ययन कर रहे हैं, जो वहां की कुल 11 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्रों की लगभग 29.4% हिस्सेदारी है।

इस फैसले से न केवल हार्वर्ड के भारतीय छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी, बल्कि अमेरिका में रहने वाले लगभग दस लाख अंतरराष्ट्रीय छात्रों की शिक्षा और भविष्य पर भी भारी असर पड़ेगा। ट्रंप के इस फैसले से इस संख्या में गिरावट आ सकती है।

वीजा इंटरव्यू पर लगाई रोक

बता दें कि अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत समेत विदेशी छात्रों और एक्सचेंज विजिटर वीजा आवेदकों के लिए नए वीजा इंटरव्यू शेड्यूल करना अस्थायी रूप से रोक दिया है। यह निर्णय सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच को और कड़ा करने की तैयारी के तहत लिया गया है। वहीं, हाल ही में ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के एडमिशन पर रोक लगाई थी। हालांकि, यह फैसला अस्थायी है और उन छात्रों पर लागू नहीं होगा जिनके वीजा इंटरव्यू पहले से तय हैं।

ट्रंप ने किया था दावा

हाल ही में ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि हार्वर्ड में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की जानकारी देने में यूनिवर्सिटी टालमटोल कर रही है। ट्रंप ने लिखा था कि हार्वर्ड यह क्यों नहीं कह रहा है कि उनके लगभग 31% विद्यार्थी विदेशी देशों से हैं और फिर भी वे देश, जिनमें से कुछ संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए बिल्कुल भी फ्रेंडली नहीं हैं, वे अपने छात्रों की शिक्षा के लिए कुछ भी भुगतान नहीं करते हैं और न ही वे कभी ऐसा करने का इरादा रखते हैं।

उन्होंने आगे लिखा कि हम जानना चाहते हैं कि वे विदेशी छात्र कौन हैं, यह एक उचित अनुरोध है क्योंकि हम हार्वर्ड को अरबों डॉलर देते हैं, लेकिन हार्वर्ड बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहा है। हम उन नामों और देशों को जानना चाहते हैं।

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