IPS अफसर के सुसाइड करने से पुलिस महकमे में हड़कंप! IAS पत्नी सीएम के साथ गई हैं जापान, जानें पूरा मामला

Update: 2025-10-07 11:25 GMT

चंडीगढ़। हरियाणा से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार एक आईपीएस अधिकारी ने सुसाइड कर लिया है। आईपीएस वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 में स्थित अपने मकान नंबर-116 में खुद को गोली मार ली, जिससे उनकी जान चली गई। आईपीएस वाई पूरन कुमार के सुसाइड की सूचना मिलते ही हरियाणा पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। हालांकि इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची।

IAS पत्नी अमनीत पी कुमार जापान दौरे पर

वहीं आईपीएस वाई पूरन कुमार की IAS पत्नी अमनीत पी कुमार फिलहाल जापान दौरे पर हैं। वह सीएम नायब सिंह सैनी के साथ गए प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। जानकारी के अनुसार, आईपीएस वाई पूरन कुमार ADGP पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सुनारिया, रोहतक में तैनात थे। दरअसल, आज दोपहर को उनका शव चंडीगढ़ के सेक्टर–11 में स्थित उनके निजी आवास पर पाया गया। घटना की सूचना मिलते ही चंडीगढ़ पुलिस की फॉरेंसिक टीम और CFSL टीम वाई पूरन कुमार के निवास स्थान पर पहुंची और जांच-पड़ताल शुरू कर दी। वाई पूरन सिंह 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे।

हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी

बता दें कि उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार भी हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। इस समय अमनीत पी कुमार विदेश सहयोग विभाग की आयुक्त एवं सचिव हैं। घर पर वाई पूरन कुमार और उनकी बेटी दो लोग ही थे। दोपहर के समय वाई पूरन कुमार अपनी सर्विस रिवॉल्वर लेकर घर में बने बेसमेंट में गए और वहीं पर खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर बेटी जब बेसमेंट में पहुंची तो नजारा देख दंग रह गई। पिता वाई पूरन कुमार का शव खून से लथपथ पड़ा हुआ था। बेटी चीखते-चिल्लाते हुए बाहर आई तो पड़ोसी मौके पर पहुंचे। पड़ोसियों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया।

विवादों से है पुराना नाता

वहीं अभी तक आईपीएस वाई पूरन कुमार के सुसाइड की असली वजहों का पता नहीं चल पाया है। बेटी कुछ बोल पाने की हालत में नहीं है। पत्नी अमनीत पी कुमार को भी जानकारी दे दी गई है। बता दें कि आईपीएस वाई पूरन कुमार का विवादों से पुराना नाता रहा है। कभी प्रमोशन को लेकर, कभी मनपसंद गाड़ी न मिलने को लेकर तो कभी आवास की शिकायत को लेकर वह चर्चा में रहे हैं। उन्होने ‘एक अधिकारी-एक आवास’ की नीति को लागू करने पर जोर दिया था। एक बार तो उन्होंने कई आईपीएस अधिकारियों पर आरोप लगा दिया था कि वह एक से अधिक आवास कब्जा किए हुए हैं।  

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