राज्यसभा में हुआ जोरदार हंगामा, 4 अगस्त तक कार्यवाही स्थगित...

उपसभापति ने कहा कि कोई भी नोटिस कार्यविधि संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है, इसलिए उन्हें स्वीकार नहीं किया गया;

By :  Aryan
Update: 2025-08-01 08:48 GMT

नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को कार्यवाही की शुरुआत जोरदार हंगामे के साथ हुई। विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोपों के बाद सदन की कार्यवाही 04 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है। विपक्ष ने सभापति पर महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर बहस को दबाने के आरोप लगाये हैं।

उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा

उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि नियम 267 के अंतर्गत 30 नोटिस हमें मिले, जिनमें कुछ जरूरी सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा के लिए कामकाज स्थगित करने की मांग थी। लेकिन, उन्होंने कहा कि कोई भी नोटिस कार्यविधि संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है, इसलिए उन्हें स्वीकार नहीं किया गया। सदन में सभापति और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, इसे देखते हुए 04 अगस्त तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

विपक्षी सदस्यों ने अलग- अलग राज्यों के मुद्दे को उठाया

बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर कई सासंदों ने चर्चा की मांग की, जिसमें डीएमके के तिरुचि सिवा, तृणमूल कांग्रेस के मोहम्मद नदिमुल हक, राजद के मनोज कुमार झा, कांग्रेस की रंजीत रंजन, नीरज डांगी, रजनी अशोकराव पाटिल शामिल थे। वहीं दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधियों ने अन्य राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ भेदभाव का मुद्दा उठाया। जबकि ओडिशा के विपक्षी सदस्यों ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर मुद्दा उठाया।

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दो ननों की गिरफ्तारी चर्चा होनी चाहिए

एए राहीम भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और जेबी माथर (कांग्रेस) ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दो ननों की गिरफ्तारी पर चर्चा के लिए नोटिस दिया। संजय सिंह (आप) और रामजीलाल सुमन (सपा) ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए टैरिफ के आर्थिक प्रभाव पर चर्चा की मांग की। जबकि वी सिवदासन (सीपीआई(एम)) ने भारतीय आईटी सेक्टर में बड़े पैमाने पर छंटनी के होने पर चर्चा की मांग रखी।

उपसभापति ने कहा एसआईआर से संबंधित मामला न्यायालय में विचाराधीन

उपसभापति ने कहा कि एसआईआर से संबंधित मामला न्यायालय में विचाराधीन है। यह भारत के निर्वाचन आयोग और एक संवैधानिक प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आता है।

जमकर किया विरोध-प्रदर्शन

सांसदों ने सभापति आरोप लगाते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया साथ ही नारेबाजी भी की। सांसदों ने कहा कि सभापति उन्हें जनता के मुद्दे उठाने का अधिकार नहीं दे रहे। इसी बीच आम आदमी पार्टी के अशोक कुमार मित्तल ने शून्य काल के लिए अपनी सूचना पढ़ने की कोशिश की, लेकिन हंगामे की वजह से उनकी आवाज दब गई। सभापति ने विपक्ष को शांत करने की कोशिश की और कहा, पूरा देश देख रहा है, शांत हो जाइए।


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