यूपी में मतदाता सूची को लेकर सियासी संग्राम, सपा ने मांगी 2003 की वोटर लिस्ट, अखिलेश ने साधा भाजपा सरकार पर निशाना

इसके साथ ही सपा ने 7 जनवरी 2025 को अंतिम प्रकाशन के बाद पुनरीक्षण शुरू होने तक की मतदाता सूची भी निशुल्क उपलब्ध कराने की अपील की है।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-09-16 18:10 GMT

उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को लेकर सियासत गर्माती जा रही है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू होने से पहले 2003 की मतदाता सूची उपलब्ध कराने की मांग की है। इसके साथ ही सपा ने 7 जनवरी 2025 को अंतिम प्रकाशन के बाद पुनरीक्षण शुरू होने तक की मतदाता सूची भी निशुल्क उपलब्ध कराने की अपील की है।

पार्टी की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि यदि यह जानकारी उपलब्ध कराई जाती है, तो मतदाता सूची को शुद्ध और दुरुस्त करने की प्रक्रिया में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को पूर्ण सहयोग दिया जा सकेगा।

ज्ञापन के अनुसार, प्रदेश की 403 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 1 लाख 90 हजार पोलिंग स्टेशनों पर लगभग 15 करोड़ 42 लाख मतदाता पंजीकृत हैं। विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची को शून्य कर बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करेंगे और गणना प्रपत्र फार्म भरेंगे। इस दौरान मृतक, स्थाई रूप से स्थान बदल चुके, बहुस्थानीय प्रविष्टियों और लापता मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाएंगे।

सपा का कहना है कि 2003 के बाद से कई बार पोलिंग स्टेशनों का पुनर्गठन और विभाजन हुआ है, जिसके कारण बड़ी संख्या में मतदाताओं के बूथ और मतदान केंद्र बदले गए हैं। इन्हें चिह्नित करना बेहद जरूरी है ताकि सूची को पारदर्शी और सटीक बनाया जा सके। ज्ञापन सौंपने वालों में सपा के सचिव केके श्रीवास्तव, डॉ. हरिश्चंद्र यादव और राधेश्याम सिंह शामिल रहे।

भाजपा सरकार पर अखिलेश यादव का हमला

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश में गरीबों का दमन और उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में पीड़ितों को न्याय नहीं मिल रहा है, जबकि बड़े और प्रभावशाली लोगों के मामलों में समझौते कराए जा रहे हैं।

अखिलेश ने कहा कि पीड़ितों के बयान दबाव डालकर पलटवाए जा रहे हैं। उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि सफेद मेज पर बैठकर सफेद झूठ बोला जा रहा है। अखिलेश ने प्रदेश की कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए और कहा कि सब कुछ चौपट कर दिया गया है। पुलिस हिरासत में लगातार हो रही मौतों को उन्होंने कानून-व्यवस्था की विफलता करार दिया।

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