प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोई हस्तक्षेप या भूमिका नहीं थी...अफगान विदेश मंत्री मुतक्की की PC में महिला पत्रकारों की NO ENTRY पर MEA का बयान आया सामने
नई दिल्ली। अफगान विदेश मंत्री द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकार शामिल नहीं हुई थी। इसको लेकर देश में राजनीतिक गर्मा गई थी। कई सियासी दल ने इस अपनी प्रतिक्रिया दी थी। यहां तक कि इसको लेकर सरकार पर निशाना साध रही थी। इस बीच अब इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय ने पहला बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने साफ किया कि दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप या भूमिका नहीं थी।
कई अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की
बता दें कि MEA ने कहा कि महिला पत्रकारों को इस प्रेस इंटरैक्शन में शामिल न करने का निर्णय MEA का नहीं था। मंत्रालय ने कहा कि यह मुद्दा केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजकों द्वारा तय किया गया था और MEA की कोई भूमिका नहीं थी। दरअसल, अफगानिस्तान के तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुतक्की गुरुवार को सात दिन के भारत दौरे पर पहुंचे। अपने दौरे के दूसरे दिन उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार, मानवीय सहायता और सुरक्षा सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। मुतक्की ने आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान की जमीन का किसी भी हाल में अन्य देशों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा।
चिदंबरम ने कहा मैं स्तब्ध हूं
यह मामला सामने आते ही देश में राजनीतिक हलचल बढ़ गई। वहीं पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि जब महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर रखा गया तो पुरुष पत्रकारों को तुरंत विरोध स्वरूप वॉकआउट करना चाहिए था। चिदंबरम ने पोस्ट में लिखा कि मैं स्तब्ध हूं कि महिला पत्रकारों को बाहर रखा गया। पुरुष पत्रकारों को तुरंत वॉकआउट करना चाहिए था।
प्रियंका गांधी पीएम मोदी से किया सवाल
हालांकि प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि उनकी सरकार ने इस अपमानजनक स्थिति की अनुमति क्यों दी। उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी जी, कृपया स्पष्ट करें कि तालिबान मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को क्यों हटाया गया? क्या आपके महिला अधिकारों के दावे सिर्फ चुनावी नारे हैं? जबकि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस घटना को हर भारतीय महिला का अपमान बताते हुए कहा कि सरकार ने तालिबान मंत्री को महिला पत्रकारों को बाहर रखने की अनुमति देकर देश की हर महिला का अपमान किया है। यह शर्मनाक और रीढ़विहीन कदम है।
वे अपने राजनयिक नई दिल्ली भेज सकते हैं
इस बीच, मुतक्की ने यह भी कहा कि भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध सुधारने के लिए धीरे-धीरे प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत काबुल अपने राजनयिकों को भारत भेजेगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ हुई बातचीत के बाद मीडिया ब्रीफिंग में मुतक्की ने यह घोषणा करते हुए बताया कि भारतीय विदेश मंत्री ने उन्हें निर्देश दिया है कि वे अपने राजनयिक नई दिल्ली भेज सकते हैं।