ऐसा पहली बार हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने EVM और चुनाव के अन्य रिकार्ड को साथ में देखा, पढ़ें पानीपत के एक गांव के सरपंच चुनाव की दिलचस्प कहानी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा ट्रिब्यूनल इस बात को समझें कि रजिस्ट्रार की मौजूदगी में हुई री-काउंटिंग ही अंतिम फैसला है;

By :  Aryan
Update: 2025-08-13 10:39 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक सरपंच का चुनाव अपनी निगरानी में कराया है। कोर्ट के एक रजिस्ट्रार की मौजूदगी में EVM के वोट गिने गए। इसके बाद सारे प्रोसेस की वीडियो रिकार्डिंग कराई गई। उसके बाद चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। जो शख्स चुनाव हार गया था वो सुप्रीम कोर्ट में जीत गया।

पानीपत के एक गांव का मामला था

ऐसा पहली बार हुआ है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने EVM और चुनाव के अन्य रिकार्ड को साथ में देखा हो। पानीपत के एक गांव बुआना लक्खू का मामला था। दोबारा काउंटिंग दोनों पक्षों की मौजूदगी में की गई। जस्टिस सूर्यकांत, दीपंकर दत्ता एवं एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने रजिस्ट्रार को वो EVM के वोटों की गिनती का आदेश दिया। किसी तरह का कोई संदेह न रहे इसके लिए सारी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए। बाद में रिकार्ड सील किया जाए।

बुआना लक्खू गांव के सरपंच का चुनाव 2 नवंबर 2022 को हुआ था

बुआना लक्खू गांव के सरपंच का चुनाव 2 नवंबर 2022 को हुआ था। चुनाव में काफी ज्यादा खींचतान हुई। एक एक वोटों को प्राप्त करने के लिए दोनों तरफ के उम्मीदवारों ने काफी मेहनत की। विवाद तब खड़ा हो गया जब पानीपत के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने कुलदीप सिंह को विजयी घोषित किया।

हारे हुए उम्मीदवार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटया

हारे हुए उम्मीदवार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटया। मोहित नाम का उम्मीदवार चुनाव से हारकर संतुष्ट नहीं था। उसे लगता था कि उसके साथ नाइंसाफी हुई। उसने एडिशनल सिविल जज (इलेक्शन ट्रिब्यूनल आफ) पानीपत के पास याचिका दायर की। अप्रैल 2025 में कोर्ट ने फैसला दिया। 7 मई को वोटों की री-काउंटिंग की गई। डिप्टी कमिश्नर को ये जिम्मा दिया गया था कि दोबारा गिनती कराएं। लेकिन ऐसा होने से पहले ही पंजाब एंड हरियाणा कोर्ट ने दखल दे दिया। असल में दूसरे पक्ष ने इलेक्शन ट्रिब्यूनल आफ पानीपत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

कोर्ट ने चुनाव के सारे रिकार्ड री-काउंटिंग

हाईकोर्ट ने ट्रिब्यूनल के फैसले को रोका और कहा कि सिर्फ एक बूथ की री-काउंटिंग नहीं होगी बल्कि सारे चुनाव की कराई जाएगी। ये फैसला जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने दिया था। बेंच ने कहा कि इस मामले के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उपायुक्त और जिला निर्वाचन अधिकारी पानीपत, हरियाणा को निर्देश दिया जाता है कि वे सभी ईवीएम को इस न्यायालय के रजिस्ट्रार के समक्ष पेश करें। इसकी वीडियोग्राफी की जाएगी। याचिकाकर्ता के साथ-साथ प्रतिवादी नंबर 1 अथवा उनके अधिकृत एजेंट री-काउंटिंग के समय उपस्थित रहेंगे। री-काउंटिंग के बाद जो परिणाम सामने आया उसमें मोहित कुमार को 1051 वोट मिले जबकि जीते उम्मीदवार को 1000 वोट मिले थे।

मोहित बना बुआना लक्खू गांव का सरपंच

जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा कि मोहित ही बुआना लक्खू गांव का सरपंच हैं। डीसी पानीपत को आदेश दिया गया कि वो इस आशय का नोटिफिकेशन तत्काल जारी करें। दोनों पक्षों से कहा गया कि अगर उनका कोई और संशय है तो वो पानीपत के ट्रिब्यूनल के पास जाकर अपनी समस्या रख सकते हैं। लेकिन ट्रिब्यूनल इस बात को समझें कि रजिस्ट्रार की मौजूदगी में हुई री-काउंटिंग ही अंतिम फैसला है।


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