लद्दाख मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लिया फैसला, लेफ्टिनेंट गवर्नर से छीना डेलीगेटेड फाइनेंशियल पावर, जानें नए बदलावों के बारे में...

एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी की 20 करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट को मंजूरी देने की फाइनेंशियल पावर MHA को दी गई हैं।;

By :  Aryan
Update: 2025-11-28 10:26 GMT

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने एक मुख्य फैसले में लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर से मौजूदा डेलीगेटेड फाइनेंशियल पावर छीन लिए हैं। अब भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा इनकी देखरेख की जाएगी। दरअसल जारी नई गाइडलाइंस के अनुसार, अब गृह मंत्रालय  LG के पास पहले से मौजूद 100 करोड़ रुपये तक वाले प्रोजेक्ट को मंजूरी दे सकती है। 

 प्रोजेक्ट को मंजूरी देने की फाइनेंशियल पावर MHA को दी गई 

जानकारी के मुताबिक, एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी की 20 करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट को मंजूरी देने की फाइनेंशियल पावर MHA को दी गई हैं। लेकिन चीफ इंजीनियर, डिपार्टमेंट हेड, जिसमें डिप्टी कमिश्नर और सुपरिंटेंडिंग भी इंजीनियर शामिल हैं। इनको भी 3 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये के बीच के काम  के लिए मंजूरी देने के लिए डेलीगेटेड पावर के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया गया है।

लेफ्टिनेंट गवर्नर कविंदर गुप्ता ने जारी किया ऑर्डर

केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिले निर्देशों के मुताबिक, लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर कविंदर गुप्ता ने इस कड़ी में एक ऑर्डर जारी किया है। दरअसल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड के तहत 100 करोड़ रुपये तक की प्रोजेक्ट्स की मंजूरी देना पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास थी, लेकिन अब वह भी गृह मंत्रालय के अंदर है। लेफ्टिनेंट गवर्नर की 100 करोड़ रुपये तक की एडमिनिस्ट्रेटिव मंजूरी और  एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी की 20 करोड़ रुपये तक की मंजूरी देने की शक्तियों में नयापन आया है। अब यह दोनों मंजूरी MHA  ही देगा।

MHA से ली जाएगी यह शक्ति

दरअसल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के हेड और डिप्टी कमिश्नरों की 5 करोड़ रुपये तक के अलग-अलग कामों को मंजूरी देने की शक्तियों को MHA से वापस लेना है। यह सभी अधिकारी लेह और कारगिल हिल डेवलपमेंट काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के तौर पर काम करते हैं। 

लेह हिल काउंसिल की शक्तियां  दी गई डिप्टी कमिश्नर को 

चुनाव में देरी की वजह से लेह हिल काउंसिल पांच साल का टर्म पूरा करने के बाद खत्म हो गई है। वहीं, कारगिल हिल काउंसिल बनी हुई है। लेह हिल काउंसिल की शक्तियां डिप्टी कमिश्नर लेह को दे दी गई हैं। चीफ इंजीनियर और सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर को एक के बाद एक 10 करोड़ रुपये और 3 करोड़ रुपये तक के अलग-अलग कामों को मंजूरी देने की पावर भी मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स को दे दी गई है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय का ऑर्डर 

जानकारी के अनुसार, ऑर्डर के मुताबिक प्रोजेक्ट्स और स्कीमों के अप्रेजल और अप्रूवल के सभी नए प्रपोजल के लिए मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के पास जमा किए जाएंगे।  एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल और खर्च की मंजूरी सहित नए प्रोजेक्ट्स एवं स्कीमों के अप्रेजल के लिए MHA को सबमिट किए जाने वाले सभी प्रपोजल प्लानिंग डेवलपमेंट एंड मॉनिटरिंग डिपार्टमेंट, लद्दाख भेजेगा।

हालांकि, यह भी कहा गया कि सभी चल रही स्कीम/प्रोजेक्ट के काम, जिनमें वो काम भी शामिल हैं जिनके लिए MHA ऑर्डर जारी होने से पहले ही एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल दिया जा चुका है या टेंडर किया जा चुका है या पूरा हो चुका है, वो सब पहले दी गई शक्तियों के हिसाब से चलते रहेंगे।

LG लद्दाख की बजट सीमा 

LG लद्दाख के पास बजटीय सीमा के अंदर एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल और खर्च की मंजूरी सहित आकस्मिक और विविध खर्च करने की पूरी शक्ति होगी। बशर्ते कि फाइनेंशियल सीमा जनरल फाइनेंशियल रूल्स के नियमों के हिसाब से हो। 

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