क्या बंद हो जाएगी वोडाफोन आइडिया? सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को दिया झटका, जानें कंपनी पर कितने करोड़ का है बकाया
नई दिल्ली। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने सरकारी बकाए पर छूट के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने फिर से याचिका दायर की है। कंपनी ने इसी सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि बैंक फंडिंग के बिना कंपनी वित्त वर्ष 2025-26 से आगे काम नहीं कर पाएगी, क्योंकि उसके पास मार्च 2026 में देय दूरसंचार विभाग को 18,000 करोड़ रुपये की एजीआर किस्त का भुगतान करने की क्षमता नहीं है।
नया लोन देने में जताई असमर्थता
सुप्रीम कोर्ट से वोडाफोन आइडिया ने 83,400 करोड़ के लंबित एजीआर बकाये पर ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज से छूट मांगी है। जो 45,000 करोड़ रुपये से अधिक का है। इन भुगतानों पर सरकार ने कंपनी को चार साल का मोरटोरियम दिया था, जो आगामी सितंबर में खत्म हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कंपनी ने कहा कि बीते दिनों केंद्र सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदलने के बाद कंपनी ने फिर से लोन के लिए बैंकों से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने एजीआर की किस्तों का समाधान होने नया लोन देने में असमर्थता जताई है।
सरकारी बकाया 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक
बता दें कि एक समय में देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया थी। लेकिन रिलायंस जियो के आने के बाद से परेशानी से जूझ रही है। वहीं केंद्र सरकार ने राहत देने के लिए उसके कुछ बकाये को इक्विटी में बदलकर ले लिया, जिससे सरकार की कंपनी में हिस्सेदारी 49% हो गई है।
हालांकि वोडाफोन आइडिया पर सरकार का स्पेक्ट्रम बकाया करीब 1.19 लाख करोड़ रुपये है। वहीं एजीआर का 83,400 करोड़ रुपये का बकाया है। इस तरह कंपनी का सरकारी बकाया 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक है।
वहीं वोडाफोन और आइडिया को बस राहत वाली खबर इतनी है कि सुप्रीम कोर्ट एजीआर बकाया पर राहत की मांग करने वाली पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। यही कारण है कि वोडाफोन आइडिया के शेयर 3.46% बढ़कर 7.48 रुपए पर ट्रेड कर रहे हैं।