Yoga Benefits: किसी चमत्कार से कम नहीं दीर्घ प्राणायाम, कई विकारों को करता है दूर, जानें इसे करने का सही तरीका
नई दिल्ली। यह एक खास तरह का श्वास अभ्यास है, जिससे फेफड़ों की ताकत बढ़ती है और शरीर में ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है। 'दीर्घ प्राणायाम' हमारी अपनी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, जिसे सदियों से योग में जगह मिली हुई है। भारत सरकार और योग विशेषज्ञ भी इस प्राणायाम के फायदों को मानते हैं।
दीर्घ प्राणायाम करने का सही तरीका
1. आरामदायक मुद्रा- किसी शांत जगह पर पीठ के बल लेट जाएं या सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं।
2. हाथों की स्थिति- अपने हाथों को पेट पर रखें, उंगलियां नाभि के पास एक दूसरे को छूती हुई।
3. श्वास लेना- धीरे-धीरे सांस लें, पहले पेट को फुलाते हुए। फिर सांस को छाती में भरें और पसलियों को फैलाएं। अंत में, सांस को कंधे तक ले जाएं।
4. श्वास छोड़ना- सांस छोड़ते समय, इसी क्रम का पालन करें- पहले कंधे से, फिर छाती से, और अंत में पेट से।
5. अभ्यास- इस प्रक्रिया को 5-10 मिनट तक दोहराएं
ध्यान रखने योग्य बातें
- सांस लेते और छोड़ते समय, 'पेट-छाती-कंधे' और 'कंधे-छाती-पेट' के क्रम का पालन करें।
- सांस लेने और छोड़ने की गति धीमी और नियंत्रित होनी चाहिए।
- अभ्यास के दौरान, शरीर को शांत और स्थिर रखें।
- यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो दीर्घ प्राणायाम करने से पहले डॉक्टर या योग प्रशिक्षक से सलाह लें।
दीर्घ प्राणायाम के लाभ
तनाव और चिंता कम करता है- दीर्घ प्राणायाम गहरी सांस लेने की प्रक्रिया के माध्यम से शरीर को शांत करता है और तनाव के स्तर को कम करने में मदद करता है।
एकाग्रता बढ़ाता है- यह प्राणायाम मन को शांत करता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है, जिससे पढ़ाई या काम में मन लगना आसान हो जाता है।
फेफड़ों की क्षमता में सुधार- गहरी सांस लेने से फेफड़े पूरी तरह से फैलते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता में सुधार होता है और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है।
शरीर को ऊर्जावान बनाता है- ऑक्सीजन का स्तर बढ़ने से थकान कम होती है और शरीर ऊर्जावान महसूस करता है।
नींद में सुधार- यह प्राणायाम चिंता और बेचैनी को कम करके नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार- कुछ अध्ययनों के अनुसार, दीर्घ प्राणायाम हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
पाचन में सुधार- कुछ योग संस्थानों के अनुसार, यह प्राणायाम पाचन अंगों को सक्रिय करता है और पाचन में सुधार करता है।