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सर्दी में सिर दर्द गर्मी से अलग होता है, बचना चाहते हैं तो घर बैठे ये करें...

ठंडी हवा, तापमान में उतार-चढ़ाव और घटते दिन का उजाला-सर्दियों का मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य चुनौतियां लेकर आता है, जिनमें सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या आम है। विशेषज्ञ बताते हैं कि ठंड के कारण सिर और गर्दन की रक्त वाहिकाओं का सिकुड़ना (Vasoconstriction), मांसपेशियों में तनाव, और वातावरण के बैरोमीटर दबाव में परिवर्तन सिरदर्द को ट्रिगर कर सकता है।
प्रमुख कारण
रक्त वाहिकाओं का सिकुड़ना: ठंड लगने पर सिर और गर्दन की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह प्रभावित होता है और दर्द शुरू हो जाता है।
डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण): सर्दियों में प्यास कम लगने के कारण लोग पानी कम पीते हैं, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जो माइग्रेन का एक बड़ा कारण है।
सेरोटोनिन स्तर में बदलाव: कम धूप के कारण मस्तिष्क में सेरोटोनिन (Serotonin) का स्तर असंतुलित हो सकता है, जो मूड और दर्द संवेदनशीलता को नियंत्रित करता है।
ठंडी हवा का सीधा संपर्क: ठंडी हवा के सीधे संपर्क से 'शीत-उत्तेजक सिरदर्द' (Cold-stimulus Headache) हो सकता है।
बचाव और उपचार के उपाय
विशेषज्ञ इन समस्याओं से बचने के लिए कुछ सरल लाइफस्टाइल बदलाव अपनाने की सलाह देते हैं:
खुद को गर्म रखें: सिर, कान और गर्दन को टोपी, मफलर या स्कार्फ से ढककर रखें, खासकर बाहर जाते समय, ताकि ठंडी हवा का सीधा प्रभाव न पड़े।
पर्याप्त पानी पीएं: प्यास न लगे तो भी गुनगुना पानी, हर्बल चाय या सूप नियमित रूप से पीते रहें ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।
धूप लें: विटामिन-डी और सेरोटोनिन के स्तर को संतुलित रखने के लिए दिन में कुछ देर प्राकृतिक धूप में समय बिताएं।
नियमित नींद और भोजन: सोने और खाने का एक निश्चित समय बनाए रखें, क्योंकि अनियमित दिनचर्या से भी सिरदर्द हो सकता है।
तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान या गहरी सांंस लेने के व्यायाम तनाव को कम करने में सहायक हो सकते हैं।




