अडानी ग्रुप इस दिवालिया कंपनी में लगाने जा रही है 12,500 करोड़, जानें इस कंपनी के पास अब कितनी बची है संपत्ति
नई दिल्ली। अडानी ग्रुप देश में बड़ी सबसे बड़े उद्योगपति में से एक है। मिली जानकारी के अनुसार अडानी ग्रुप जल्दी ही एक और कंपनी खरीदने की तैयारी में है। वहीं अडानी ग्रुप ने दिवालियापन के दौर से गुजर रही जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) पर 12,500 करोड़ रुपये दांव पर लगाने का फैसला किया है।
अडानी ग्रुप सबसे अधिक बोली लगाकर आगे
मिली जानकारी के अनुसार मामले से जानकार लोगों का कहना है कि अडानी ग्रुप JAL को खरीदने के लिए सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रुप ने एडवांस में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक के पेमेंट का वादा कर एक मजबूत दावेदार बना हुआ है। साथ ही जेएएल को खरीदने की दौड़ में डालमिया ग्रुप, जेएसपीएल (नवीन जिंदल), वेदांता और पीएनसी इंफ्राटेक भी शामिल हैं। इन सभी में अडानी ग्रुप सबसे अधिक बोली लगाकर दौड़ में सबसे आगे है।
कंपनी के पास पांच होटल्स के साथ खाद का एक कारखाना भी है
बता दें कि जयप्रकाश एसोसिएट्स एक बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जो रियल एस्टेट, सीमेंट, पावर और होटल जैसे कई अलग-अलग सेक्टरों में फैली हुई है। JAL के सीमेंट प्लांट की कैपेसिटी 10 मिलियन टन है। कंपनी के पास पांच होटल्स के साथ खाद का एक कारखाना भी है। इसके अलावा, नोएडा एक्सप्रेसवे पर 2500 एकड़ जमीन और बुद्ध नेशनल सर्किट भी JAL की है। लेकिन कंपनी फिलहाल वित्तीय संकट का सामना कर रही है और भारत के दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) के तहत दिवालियापन से गुजर रही है।
25 बैंकों ने JAL को 48,000 करोड़ का दिया था लोन
वहीं इस पर कई बैंकों का कर्ज है। मिली जानकारी के अनुसार 25 बैंकों ने मिलकर JAL को 48,000 करोड़ रुपये का लोन दिया था। इनमें पंजाब नेशनल बैंक और IDBI बैंक भी शामिल हैं। 12 मार्च को इन्हीं बैंकों ने कंपनी के टोटल 48,000 करोड़ रुपये के कर्ज को नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (NARCL) को 12,700 करोड़ में बेच दिया था। जेएएल को खरीदने में कई बड़ी कंपनियां दिलचस्पी रखती हैं। अडानी ग्रुप सीमेंट, रियल एस्टेट जैसे सेक्टरों में अपना कारोबार बढ़ाना चाहती है इसलिए कंपनी को खरीदना चाह रहा है। जेएएल को खरीदने से मध्य और उत्तरी भारत में अडानी ग्रुप को अपनी पकड़ मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।