Ganesh Chaturthi: ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता बप्पा आज पधारे हैं, जानें शुभ मुहूर्त ,स्पेशल भोग और पूजा विधि

Update: 2025-08-27 02:30 GMT

भगवान गणेश के जन्म के रूप में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। भगवान गणेश को ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य से जोड़ा गया है। भगवान गणेश को गजानन, धूम्रकेतु, एकदंत, वक्रतुंड और सिद्धि विनायक समेत कई नामों से जाना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल की चतुर्थी से गणेश चतुर्थी पर्व का शुभारंभ हो जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से 10 दिनों तक चलता है।

6 सितंबर को होगा समापन

इस साल गणेश चतुर्थी की शुरुआत आज से होगी। इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन 6 सितंबर को होगा। वैसे तो यह पर्व पूरे भारत में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन इसकी खासतौर से इसकी धूम महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मिलती है। गणेश उत्सव को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

जानें भगवान गणेश की स्थापाना का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त 2025 को दोपहर 1.53 बजे से शुरुआत होगी। इसका समापन आज यानि की 27 अगस्त को दोपहर 3.43 बजे हो रहा है। उदया तिथि को देखते हुए गणेश चतुर्थी का त्योहार 27 अगस्त 2025 को मनाया जा रहा है। इसी दिन गणपति की स्थापना की जाएगी। वहीं 27 अगस्त को सुबह 11.00 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक गणेश जी की स्थापाना का अभिजीत मुहूर्त है। सूर्योदय से पहले स्नान करके भगवान गणेश के सामने व्रत का संकल्प लेकर व्रत करें।

गणेश चतुर्थी स्पेशल भोग

लड्डू - भगवान गणेश को लड्डू का भोग लगाया जाता है। आप बेसन या बूंदी से बने लड्डू का भोग लगा सकते हैं।

मोदक- इसके अलावा बप्पा को मोदक बहुत ही पसंद माने जाते हैं। पुराणों में जिक्र का गया है कि गणेश जी बचपन में अपनी मां पार्वती के बनाए गए मोदक पलभर में चट कर जाते थे।

गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ ही सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। सभी तरह के काम होने लगते हैं। घर पर गणेश स्थापना करने से गणेश जी घर के सभी विघ्नों को हर लेते हैं।

गणेश चतुर्थी 2025 पूजा विधि

1 - गणेश चतुर्थी पर्व पर कुछ खास बातों का ध्यान बेहद जरूरी है।

2 - सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और पूजा स्थल की अच्छे से साफ सफाई करें।

3 - इसके बाद भगवान गणेश की विधिवत उपासना करें।

4 - उपासना के लिए शुभ मुहूर्त के समय ईशान कोण में चौकी स्थापित करें।

5 - इसके बाद पीला या लाल रंग का कपड़ा चौकी पर बिछाएं।

6 - अब भगवान गणेश को चौकी पर विराजमान करें।

7 - फिर रोजाना भगवान गणेश की उपासना करें।

8 - अंतिम दिन श्रद्धापूर्वक भगवान गणेश को विदा करें।

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